जयपुर। अच्छी खबर आई है, दीपावली मनाने की तारीख को लेकर सभी कन्फ्यूजन खत्म हो गया है। अब आप निश्चिंत होकर त्योहार मना सकते हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा। गुलाबी नगर जयपुर समेत सम्पूर्ण भारतवर्ष और विश्व के सभी देशों में सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार इस वर्ष दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाया जाएगा।
दीपावली पर्व निर्धारण के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर के नवीन सभागार में मंगलवार को अखिल भारतीय विद्वत् परिषद् के तत्त्वावधान में दीपावली निर्णय विषय पर हुई विशेष धर्मसभा में यह निर्णय लिया गया।
देशभर के ज्योतिषाचार्य, धर्मशास्त्री और संस्कृत के विद्वानों ने विभिन्न धर्मशास्त्रों में वर्णित संदर्भों के अनुसार व्याख्या करते हुए अपने विचार व्यक्त कर इस वर्ष दीपावली पर्व को लेकर फैले भ्रम मिटाने व शास्त्र सम्मत तिथि के निर्धारण हेतु चर्चा कर यह निर्णय दिया।
दीपावली पर्व निर्धारण विषयक धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि इस धर्मसभा की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठतम ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री ने की।
हाथोजधाम पीठाधीश्वर एवं विधायक बालमुकुंदाचार्य महाराज के अतिरिक्त केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय निदेशक प्रो. सुदेश शर्मा, प्रो. अर्कनाथ चौधरी, प्रो. भास्कर श्रोत्रिय, प्रो. ईश्वर भट्ट, पंडित विनोद शास्त्री सहित 100 से अधिक विद्वान इस धर्मसभा में शामिल हुए।
धर्मसभा में विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांगों और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर गहन विमर्श कर सूर्य सिद्धान्त के आधार पर 31 अक्टूबर को ही दीपावली पर्व मनाने पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
धर्म सभा में उपस्थित विद्वतजनों का तर्क था कि 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनानी चाहिए, क्योंकि इस दिन अमावस्या का प्रदोष काल प्रारंभ हो रहा है, जो सम्पूर्ण दिन एवं सम्पूर्ण रात्रि रहकर 1 नवंबर को केवल अल्पकाल के लिए ही रहेगा और शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन किया जाना सर्वश्रेष्ठ है।