रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के कृषि अभियंत्रण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ सुशील कुमार पांडेय की डिजाइन की गई मशीन को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट प्रदान किया है। यह हरा मटर छीलने वाली हस्तचालित मशीन है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत कार्यरत पेटेंट, डिजाइन और व्यापारिक चिन्ह के महानियंत्रक ने इस आशय का प्रमाण पत्र जारी किया है।
डॉ पांडेय ने बताया कि इससे प्रति घंटा लगभग 15 किलो हरा मटर की छीमी छीलकर उसका दाना निकाला जा सकता है। हाथ से मटर छीलने की तुलना में इस मशीन से चार-पांच गुना अधिक गति से कार्य हो सकता है। इस यंत्र का डिजाइन विकसित करने में उन्हें लगभग 2 वर्ष का समय लगा।

डॉ पांडेय ने बताया कि यदि औद्योगिक इकाइयां बड़े पैमाने पर इस मशीन का निर्माण करें, तो लागत प्रति इकाई 4 से 5 हजार रुपए आएगी। औद्योगिक उत्पादन प्रारंभ होने के उपरांत इस मशीन के बाजार में आने पर होटल, रेस्टोरेंट, मेस आदि में बावर्चियों के लिए और छिला हुआ हरा मटर बेचनेवाले छोटे सब्जी विक्रेताओं के लिए मटर छीलने का काम काफी आसान हो सकता है।
बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने इस उपलब्धि पर डॉ सुशील को बधाई दी है।
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