रांची वेटनरी कॉलेज में विश्व रेबीज दिवस का आयोजन

झारखंड
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  • 62 कुत्तों का नि:शुल्क टीकाकरण हुआ

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के रांची वेटनरी कॉलेज में विश्व रेबीज दिवस का आयोजन 29 सितंबर को किया गया। इसमें 62 कुत्तों का नि:शुल्क टीकाकरण किया गया। पशुपालकों को रेबीज से बचाव, उसके नियंत्रण एवं प्रबंधन के बारे में आवश्यक परामर्श दिया गया।

आयोजन का उद्घाटन वेटनरी काउंसिल आफ इंडिया के भ्रमणकारी निरीक्षण दल के सदस्य प्रो सलिल हांडे, मुम्बई और डॉ किरण वासवा, गुजरात ने संयुक्त रूप से किया।

टीकाकरण के लिए आए पेट लवर्स के कुत्ते-बिल्लियों का नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके लिए वैक्सिन वीर बैक कंपनी द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया तथा ड्रूल्स कम्पनी के वेट प्रो डिवीजन द्वारा टीकाकरण के लिए आए पशुओं के लिए नि:शुल्क मेडिकेटेड फीड की व्यवस्था की गई थी।

वेटनरी क्लीनिकल कंपलेक्स विभाग के अध्यक्ष डॉ अभिषेक कुमार ने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि रेबीज एक लाईलाज बीमारी है जिसका संक्रमण प्राय: कुत्तों के काटने से फैलता है। कुत्तों के अलावा चमगादड़, भेड़िया एवं लोमड़ी से भी इसके वाहक हैं।

रेबीज वाहक कुत्ते के काटने से मनुष्य को बुखार, जलन, अनिद्रा, उलटी, कमजोरी, भ्रम की स्थिति, पानी से डर और शरीर का एब्नार्मल पोस्चर हो सकता है। इसलिए काटने पर तुरंत उस अंग की साबुन और खुले पानी से धुलाई करनी चाहिए। तुरंत चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए। प्रत्येक 9 मामले में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

महाविद्यालय के लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भी कार्यक्रम में सहयोग दिया। रेबीज के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों के लिए आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम रिंकल गुप्ता ने द्वितीय तथा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पशु चिकित्सा संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद ने विजेताओं को प्रमाणपत्र वितरित किया।

रेबीज से बचाव के लिए क्या करें

  • तीन महीने की उम्र होने पर अपने पालतू पशु का टीकाकरण अवश्य करवायें, इसमें देर नहीं करें। उसके बाद प्रतिवर्ष एक बार बूस्टर टीका लगवाते रहें।
  • पागल एवं लावारिस कुत्तों से दूरी बनाए रखें, अगर पागल कुत्ते ने काट लिया है तो काटने के स्थान पर साबुन एवं पानी से लगातार 5 मिनट तक धोएं।
  • अपने पशु को नजदीकी पशु चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार करायें एवं टीका लगवाएं।
  • घाव को खुला रखकर समय-समय पर ड्रेसिंग करें तथा घाव की ड्रेसिंग एवं फीडिंग के समय दस्ताने का इस्तेमाल करें।
  • जिस कुत्ते ने काटा है उसपर 15 दिनों तक नजर बनाए रखें।
  • मृत पशु को गहरे गड्ढे में दफनायें एवं उसमें चूना और नमक डालकर ऊपर से कटीली झाड़ी से ढक दें।

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