इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता

विचार / फीचर झारखंड
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  • 15 सितंबर इंजीनियर्स दिवस पर विशेष

जमशेदपुर। इंजीनियर्स वे गुमनाम नायक हैं, जो राष्ट्र की प्रगति और तकनीकी समृद्धि की मजबूत नींव रखते हैं। गगनचुंबी इमारतों से लेकर डिजिटल क्रांति तक, हर नई पहल और विकास के पीछे इन्हीं गुमनाम नायकों का अद्वितीय योगदान छिपा होता है। उनकी मेहनत और समर्पण से ही हमारी सड़कों से लेकर स्मार्ट शहरों तक का निर्माण होता है, जो देश की आर्थिक और सामाजिक तरक्की का आधार बनते हैं। भारत आज बुनियादी ढांचे में निवेश से प्रेरित एक लंबे और तेज विकास के दौर में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में, एक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में हमारे इंजीनियर्स की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

15 सितंबर को इंजीनियर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है, यह दिन उन इंजीनियर्स को समर्पित है जो नवाचार और तकनीकी दक्षता के माध्यम से हमारे भविष्य को आकार देते हैं। टाटा स्टील ने प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका को सदैव प्राथमिकता दी है। कंपनी ने अपने संचालन में अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए भारी निवेश किया है।

इसमें ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश है, जो उत्पादन प्रक्रियाओं को और अधिक कुशल, प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में सहायक हैं। नई तकनीकों को अपनाने और विकसित करने के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता न केवल इसे स्टील उद्योग में अग्रणी बनाती है, बल्कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी इसे एक पथप्रदर्शक के रूप में स्थापित करती है।

विश्व के अग्रणी स्टील निर्माताओं में से एक, टाटा स्टील इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को सर्वोपरि मानती है और भविष्य के प्रतिभाशाली इंजीनियर्स को तैयार करने के प्रति पूरी तरह समर्पित है। कंपनी ने युवा इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को प्रेरित करने और उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए कई नवाचारी पहलें शुरू की हैं, जिससे नई पीढ़ी को सशक्त बनाया जा सके।

टाटा स्टील का मैनेजमेंट ट्रेनी (टेक्निकल) प्रोग्राम इस प्रयास का प्रमुख आधार है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग स्नातकों को चयनित कर उन्हें स्टील उद्योग के विविध पहलुओं में व्यापक प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान करना है। यह प्रोग्राम न केवल प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक कौशल से सक्षम बनाता है, बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता, उद्योग की गहरी समझ और वह विशेषज्ञता विकसित करता है जो उनके करियर की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इसके अलावा, टाटा स्टील प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ मिलकर इंटर्नशिप, औद्योगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और शोध के अवसर प्रदान करती है। इन साझेदारियों से छात्रों को मूल्यवान व्यावहारिक अनुभव मिलता है और वे इंजीनियरिंग पेशे की चुनौतियों के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं। कंपनी अपने नियुक्ति प्रक्रियाओं में विविधता, समानता और समावेशन को भी प्राथमिकता देती है, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले इंजीनियर्स को समान अवसर प्राप्त होते हैं और कंपनी के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक समृद्ध किया जाता है।

टाटा स्टील की एस्पायरिंग इंजीनियरिंग प्रोग्राम’ एक उल्लेखनीय पहल है जो इंजीनियरिंग छात्रों को उनके शैक्षणिक करियर की शुरुआत में ही लक्षित करती है। यह कार्यक्रम छात्रों को उद्योग के विशेषज्ञों के साथ जुड़ने का मौका देता है और उन्हें वास्तविक इंजीनियरिंग चुनौतियों का सामना करने का अनुभव प्रदान करता है। इंजीनियर ट्रेनीज़ को एक वर्ष तक टाटा स्टील के अनुभवी लीडर्स और उद्योग विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और मेंटॉरशिप मिलती है। इस ऑन-दी-जॉब प्रशिक्षण के बाद, वे टाटा स्टील में तीन वर्षों के लिए असिस्टेंट मैनेजर के पद पर फिक्स्ड-टर्म रोजगार के लिए पात्र होते हैं, और चार वर्षों के बाद पूर्णकालिक रोजगार के अवसर प्राप्त करते हैं।

टाटा स्टील अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) को अपनी प्राथमिकता मानती है। कंपनी की अत्याधुनिक आर एंड डी सुविधाएं न केवल स्टील निर्माण प्रक्रियाओं में नए आयाम जोड़ रही हैं, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता को ऊंचे स्तर पर ले जाकर सस्टेनेबिलिटी को भी सुदृढ़ कर रही हैं। ‘माइंड ओवर मैटर’ कैंपस कनेक्ट पहल एक अनूठा मंच है, जहां देश के सबसे प्रतिभाशाली युवाओं को टाटा स्टील की आर एंड डी टीम के मार्गदर्शन में अपने सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल को परखने का अवसर मिलता है।

यह चुनौती भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों के 2-वर्षीय पूर्णकालिक एम टेक और दोहरे डिग्री (बी टेक+एम टेक) पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए खुली है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में रचनात्मकता का विकास करना, अनुसंधान के क्षेत्र में नवीनतम विचारों को बढ़ावा देना, और उन्हें भविष्य के विनिर्माण उद्योग से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है।

हालांकि टाटा स्टील के संचालन की रीढ़ उसकी उत्कृष्ट इंजीनियरिंग प्रतिभा है, कंपनी का ध्यान व्यापक उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र के साथ जुड़ाव पर भी है। टाटा स्टील के प्रमुख रिबार ब्रांड, टाटा टिस्कॉन, के लिए ए सी ई (आर्किटेक्ट्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और इंजीनियर्स) समुदाय को सशक्त बनाने हेतु ‘टिस्कॉन ग्रैंड मास्टर’ कार्यक्रम चलाया जाता है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3,600 से अधिक नए एसीई को जोड़ा गया, जिससे एसीई के माध्यम से कंपनी ने अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की। इसके अलावा, ‘इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स समिट’—कॉन्स्ट्रक्टिंग रिस्पॉन्सिबली (‘कोर’) का आयोजन किया गया, जहां प्रमुख वक्ताओं ने ज्ञान का आदान-प्रदान किया, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया, और टाटा स्टील के व्यापक निर्माण उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। यह पहल कंपनी के निर्माण उद्योग में जिम्मेदार और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इंजीनियर्स डे के अवसर पर टाटा स्टील अपनी इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और भविष्य की पीढ़ियों की प्रतिभाओं को संवारने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। कंपनी न केवल प्रौद्योगिकी में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है, बल्कि नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को विकसित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी दृष्टिकोण के साथ, टाटा स्टील उद्योग और समाज के विकास में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान दे रही है, जो इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध है।

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