हजारीबाग। वन विभाग के कर्मी ने एक व्यक्ति के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया। केस से नाम हटाने के लिए 15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की गई। आवेदन की शिकायत पर एसीबी ने वन कर्मी को 15 हजार रुपये घूस लेते 27 सितंबर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
बरकट्ठा थाना के चुगलामों निवासी प्रकाश कुमार चौधरी ने आवेदन दिया था कि उनके विरूद्ध बरही के वन विभाग के वन परिसर पदाधिकारी अमर आनंद सरस्वती ने झूठा केस (सं0-63/24) दर्ज किया है। जब वे अपनी फरियाद लेकर अमर आनन्द सरस्वती के पास गये, तब उनके द्वारा बोला गया कि अगर नाम हटवाना है, तो 15,000 रुपये रिश्वत के रूप में लगेगा। आवेदक रिश्वत देना नहीं चाहते थे। इसलिए आवश्यक कार्रवाई के लिए हजारीबाग एसीबी के पुलिस अधीक्षक के पदनाम से आवेदन दिया।
उक्त आवेदन के संबंध में सत्यापनकर्ता द्वारा विधिवत सत्यापन किया गया। सत्यापन के क्रम में प्रभारी वन परिसर पदाधिकारी अमर आनन्द सरस्वती और वनरक्षी बासुदेव भक्त मालाकार द्वारा आवेदक से 15,000 रुपये रिश्वत के रूप में मांगे जाने की बात की पुष्टि हुई। आवेदक के आवेदन एवं सत्यापनकर्ता के सत्यापन प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी ने 26 सितंबर, 2024 को पंजीकृत किया गया।
एसीबी की ट्रैप टीम ने 27 सितंबर, 2024 को बरही चौक पर ट्रैप की कार्रवाई की गयी। अभियुक्त बासुदेव भक्त मालाकार को वादी से 15,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही प्राथमिकी के मुख्य अभियुक्त अमर आनंद सरस्वती के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।
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