चुनाव आचार संहिता के पहले शिक्षकों को मिले एमएसीपी का लाभ

झारखंड
Spread the love

  • उतराखंड, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश की तरह सेवनिवृति 62 वर्ष किया जाना चाहिए

रांची। झारखंड राज्य संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने चुनाव आचार संहित से पहले शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ देने की मांग की है। आदिवासी कल्याण मंत्री दीपक बिरूआ से मोर्चा के सदस्यों ने मिलकर पूरी जानकारी देते हुए वार्ता की है। मोर्चा ने उतराखंड, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश की तरह राज्‍यकर्मी एवं शिक्षकों की सेवनिवृति 62 वर्ष किए जाने की भी मांग की।

मोर्चा के प्रदेश संयोजक अमीन अहमद, विजय बहादुर सिंह, प्रवक्ता अरुण कुमार दास एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश के प्रदेश संयोजक आशुतोष कुमार ने बताया कि राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के साथ आर्थिक अत्याचार किया जा रहा है। विडंबना है कि राज्य के सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से प्रोन्नति एवं एमएसीपी का लाभ दिया जाता है, परन्तु शिक्षकों को यह नहीं मिलता है।

मोर्चा ने कहा कि राज्य के शिक्षक पूरी सेवाकाल में बिना कोई वित्तीय लाभ के ही बेसिक वेतनमान में सेवानिवृत होते चले जा रहे हैं। इससे शिक्षक वर्ग क्षुब्ध रहकर शिक्षण कार्य करने को विवश हैं।

मोर्चा चुनाव आचार संहिता के पूर्व यथाशीघ्र शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ देकर आर्थिक न्याय करने की मांग कर रहा है। बिहार सरकार शिक्षकों के साथ न्याय करते हुए 2021 में ही अपने शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ दे चुकी है।

उक्त मामलों को लेकर आदिवासी कल्याण मंत्री दीपक बिरूआ से मोर्चा के सदस्य मिले। पूरी जानकारी देते हुए वार्ता की। शिष्टमंडल में मोर्चा के अमीन अहमद, विजय बहादुर सिंह, अरुण कुमार दास, आशुतोष कुमार, मो फखरुद्दीन मुख्य रूप से मौजूद थे।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्‍य खबरें पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, x सहित अन्‍य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

हमारे साथ इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/KFx4zY9YysxKWCO5Z8HWlj