नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता विस्व सरमा के बयान से झारखंड की राजनीति में बड़ा भूचाल आना तय माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की लंबे समय से जासूसी कर रहे स्पेशल ब्रांच के दो 2 सब-इंस्पेक्टर को दिल्ली में पकड़ा गया है। दिल्ली पुलिस के सामने इन दोनों अधिकारियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
इन्होंने यह भी बताया है कि चंपाई सोरेन की जासूसी करने की जिम्मेदारी इन्हें किसने दी। झारखंड विधानसभा चुनाव के भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह खुलासा किया है। इसके बाद झारखंड की राजनीति में एक नया भूचाल आना तय माना जा रहा है।
हिमंता बिस्व सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है। झारखंड के एक आदिवासी नेता की इस तरह से जासूसी कराना बेहद गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि इन दोनों अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि चंपाई सोरेन की लंबे अरसे से जासूसी हो रही है। इन्होंने कहा कि स्पेशल ब्रांच के आईजी प्रभात कुमार, जो एसबी के एडीजी हैं, ने उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी।
स्पेशल ब्रांच के दोनों सब-इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि चंपाई सोरेन जब झारखंड के मुख्यमंत्री थे, तभी ये दोनों उनकी जासूसी किया करते थे। उनकी गतिविधियों को ट्रैक करते रहते थे।
हालांकि, हिमंता विस्व सरमा ने इन दोनों अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किए। उन्होंने कहा कि ये लोग कई और काम से जुड़े हैं, इसलिए उनके नाम का खुलासा करना उचित नहीं होगा।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सप्ताह पहले चंपाई सोरेन दिल्ली आए थे। तब भी इन दोनों अधिकारियों ने उनका पीछा किया था। एक बार फिर जब वह कोलकाता के रास्ते दिल्ली पहुंचे, तो दोनों उनके पीछे-पीछे दिल्ली आ गए। चंपाई सोरेन के साथ आए लोगों ने दोनों को ट्रैक किया। इसके बाद दोनों को पकड़कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया।
हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि चंपाई सोरेन ने कहा है कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवायेंगे। चंपाई सोरेन का कहना है कि ये दोनों कोलकाता से उसी फ्लाईट में दिल्ली आए, जिसमें वह (झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन) आए थे।
यहां उसी होटल में ठहरे, जिसमें वे ठहरे थे। पहले दोनों अधिकारियों ने कहा कि वे पत्रकार हैं, लेकिन बाद में बताया कि वे झारखंड की स्पेशल ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर हैं।
हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि दोनों अधिकारियों की तस्वीरें मेरे पास हैं, लेकिन ये लोग कई और काम करते हैं। ये लोग नक्सल ऑपरेशन समेत कई और ऑपरेशन में लगे हैं, इसलिए उनके कवर को तोड़ना मेरे लिए उचित नहीं है।
उनके फोटो भी मैं शेयर नहीं करूंगा। हिमंता ने कहा कि आजाद भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की जासूसी कराई गई हो।
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा मुद्दा है। किसी की निजता का हनन है। अभी दोनों अधिकारी दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं। आगे दिल्ली पुलिस क्या करेगी, यह वो जानें, लेकिन जो भी हुआ है, वह सही नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि चाणक्यपुरी के डीसी को इसकी शिकायत की गई थी। अभी दोनों अधिकारी चाणक्यपुरी थाने में हैं।
असम के मुख्यमंत्री ने आशंका व्यक्त की है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, जो अभी कैबिनेट में मंत्री हैं, की जासूसी कराई गई है, तो यह भी हो सकता है कि चंपाई सोरेन के फोन भी टैप कराए गए होंगे।
हिमंता ने कहा कि जब आपने 2 अधिकारियों के फाइव स्टार होटल में ठहरने की फंडिंग की, फ्लाइट में आने की फंडिंग की, तो आप समझ सकते हैं कि यह कितना बड़ा मामला हो सकता है।
हिमंता बिस्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा- चंपाई सोरेन जी अभी भी झारखंड राज्य के मंत्री हैं। आप सुन के हैरान होंगे कि झामुमो-कांग्रेस के लोग संविधान बचाने की बात करते हैं, लेकिन चंपाई जी जैसे वरिष्ठ आदिवासी नेता पर स्नूपिंग करने के लिए बड़ा षड्यंत्र भी रचते हैं। झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारी पकड़े गये हैं।