जनजातीय लड़की और महिलाओं को सशक्त बनाने पर हुई कार्यशाला

झारखंड
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रांची। देश की कुल जनसंख्या का छठा हिस्सा किशोरों का है। इस कारण किशोर स्वास्थ्य एक महत्पूर्ण हिस्सा है। उक्‍त बातें स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. आर.एन. शर्मा ने शुक्रवार को कही। वे जनजातीय किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य जागरुकता से संबंधित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पिरामल फाउंडेशन और एकजुट संस्था ने कार्यक्रम का आयोजन किया था।

डॉ शर्मा ने किशोरों के लिए स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच में आ रही बाधाओं को दूर करने पर जोर दिया, जिसमें संगठनात्मक और सामुदायिक चुनौतियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या के दबाव को कम करने, स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता और स्वास्थ्य संस्थानों के सुदृढ़ीकरण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने किशोर स्वास्थ्य के लिए पीआईपी में फंड के आवंटन पर भी जोर दिया।

आईईसी के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ लाल मांझी ने कहा कि हेल्थ डेवलपमेंट पार्टनर्स आईईसी के माध्यम से जनोपयोगी कार्यक्रमों को ग्रासरूट तक कैसे ले जाएं, इस पर मंथन करना चाहिए। ऐसी संचार रणनीतियां तैयार की जाए, जिससे स्वास्थ्य जागरुकता का असर दिखे। स्वच्छता व्यवहार, स्वच्छ आदतों के साथ स्वास्थ्य गतिविधियों पर आधारित जानकारी आमजनों तक उनकी भाषा और संवादशैली में पहुंचे।

महिला एवं बाल विकास विभाग की सहायक निदेशक ने तेजस्विनी जैसे कार्यक्रमों से सीखने, किशोरियों को सशक्त बनाने के लिए कौशल निर्माण की आवश्यकता के महत्व के बारे में बताया।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राज्य कार्यक्रम समन्वयक अकय मिंज ने समुदाय में सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व और उसकी बाधाओं पर चर्चा की। उसके समाधान बताए। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की राज्य समन्वयक रफत फरजाना ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

यह कार्यशाला झारखंड के जनजातीय जिलों में किशोर एवं किशोरियों को प्रभावित करने वाले मुद्दों का मूल्यांकन करने पर केंद्रित थी। एक सहभागी दृष्टिकोण के माध्यम से किशोर स्वास्थ्य, पोषण, यौन और प्रजनन स्त्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, लैंगिक संवेदनशीलता और सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करने के लिए हितधारकों को शामिल किया गया।

कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, परिवार कल्याण निदेशालय, महिला और बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य से सम्बंधित सहयोगी संस्थाएं Jhpiego, UNICEF, CINI India, C3, IPE Global, Mamta, PATH, TATA steel foundation, TRCSC और शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों Kolhan university, Xavier Institute of Social Service, St. Xavier’s College, Ranchi ने भाग लिया।

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