जमशेदपुर। इंटरनेशनल टाइगर डे बाघ संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 29 जुलाई को मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है। बाघ विलुप्त होने के कगार पर हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का उद्देश्य इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करना और विभिन्न माध्यमों से आम जनता के बीच जागरुकता फैलाकर उनकी घटती संख्या को रोकने का प्रयास करना है।
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क अपनी स्थापना के बाद से ही वन्यजीवों और प्रकृति संरक्षण के बारे में जागरुकता फैलाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए आज हमने जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के जूलॉजी के पीजी छात्रों की सामूहिक भागीदारी के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए। इस कार्यक्रम में जूलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. अमर कुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम में कुल 50 पीजी छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत निर्माणाधीन एनक्लोजर में देशी प्रजातियों के पौधे लगाकर की गई। पौधरोपण से पहले, टाटा चिड़ियाघर की जीवविज्ञानी सह शिक्षा अधिकारी डॉ. सीमा रानी ने प्रतिभागियों को पौधारोपण की आवश्यकता, पौधारोपण तकनीक और हमारे जीवन में इसके महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने उन्हें पौधों और जानवरों के बीच के संबंध के बारे में भी समझाया, ताकि वे इस तथ्य को समझ सकें कि “जहां बाघ पनपते हैं, यह इस बात का संकेत है कि पारिस्थितिकी तंत्र स्वस्थ है।”
इसके बाद छात्रों ने बाघों के एनक्लोजर का दौरा किया, जहां बाघों के संरक्षण के मुद्दों के प्रति जागरुकता और समर्थन बढ़ाने के लिए टाटा चिड़ियाघर के क्यूरेटर डॉ. संजय कुमार महतो द्वारा ‘सेव टाइगर सेव योरसेल्फ’ विषय पर एक वार्ता आयोजित की गई। सत्र के दौरान उन्होंने बाघों के संरक्षण और बाघों के एक्स-सीटू प्रबंधन के विभिन्न मापदंडों के बारे में बताया। सत्र इंटरेक्टिव था और प्रतिभागियों ने क्यूरेटर के साथ सवाल-जवाब में सक्रिय रूप से भाग लिया।
अंत में, ‘टच एन लर्न’ कार्यक्रम और संग्रहालय भ्रमण का आयोजन किया गया, जहाँ प्रतिभागियों को विभिन्न मांसाहारी जानवरों, विशेषकर जंगली बाघों के पैरों के निशानों की पहचान करने और उनमें अंतर करने के तरीके बताए गए तथा डॉ. सीमा रानी द्वारा क्षेत्रीय जीव विज्ञान में विभिन्न शोध और सर्वेक्षण विधियों के बारे में भी बताया गया। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के उत्सव को सफल बनाने के लिए संग्रहालय के कई नमूने भी दिखाए गए।
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