नई दिल्ली। केंद्र में एनडीए की तीसरी सरकार बनने के बाद अब संसद में प्रथम सत्र जारी है। सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का सत्र था। इस दौरान कांग्रेस सांसद और सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। जहां राहुल गांधी एक तरफ तो नीट परीक्षा पेपर लीक, अग्निवीर और मणिपुर मुद्दे पर सरकार पर जमकर बरसे, तो इसी के साथ उन्होंने सदन में कई बार शिवजी की तस्वीर दिखाते हुए हिंदू धर्म का जिक्र किया।
इस दौरान उन्होंने ‘हिंदू’ और ‘हिंसा’ कहकर जो बात कही है, उसके बाद से वह चौतरफा घिर गए हैं। सदन में जब राहुल गांधी बोल रहे थे, तो उस दौरान पीएम मोदी ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, तो वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी विरोध जताया। इसके अलावा राहुल गांधी के भाषण की कई बातों को सत्ता पक्ष झूठ और भ्रामक बता रहा है। इसे लेकर कई मंत्रियों ने आपत्ति दर्ज कराई है। जानिए किसने क्या कहा?
जानें राहुल गांधी ने आखिर क्या कहा?
राहुल गांधी ने कहा, ‘मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसका कारण है। हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा…नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए।’
राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी अपनी चेयर पर उठकर खड़े हुए और इसे गंभीर बात बताया। पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं। मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय ले लें।
गृह मंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताते हुए उनसे माफी की मांग की। शाह ने कहा कि राहुल कहना चाहते हैं कि देश के करोड़ों हिंदू हिंसक हैं? शाह ने आगे कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष माफी मांगेंगे? हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना गलत है। अमित शाह ने आगे कहा कि राहुल को देश से माफी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, हिंदुओं को हिंसक बताना, ये नेता विपक्ष को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने ‘अग्निवीर पर झूठ बोला कि शहीदों को मुआवजा नहीं दिया जाता, जबकि उन्हें एक करोड़ का मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने अध्यक्ष पद पर टिप्पणी की। उसे झुकने वाला बताया, बल्कि राहुल गांधी खुद ही पहले ऑर्डिनेंस फाड़ चुके हैं।
तीसरी भ्रामक बात। अयोध्या में मुआवजा को लेकर भी झूठ बोला। इसपर राज्य सरकार ने पहले ही सफाई दी है। अयोध्या में 1253 करोड़ का मुआवाजा दिया गया है। बाकी रीलोकेशन आदि भी हुआ है। राहुल ने हिंदू समाज को हिंसक, असत्यवादी बताया। घोर अपमान किया। कांग्रेस में 2010 में पी. चिदंबरम ने हिंदुओ को आतंकवादी और गृहमंत्री शिंदे ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2021 में राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदुओं को देश से बाहर निकाल देना चाहिए।
सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के हिंदू हिंसा वाले बयान पर हमलावर होते हुए कहा कि राहुल गांधी पहले ऐसे कांग्रेस नेता नहीं है, जिन्होंने हिंदुओं को हिंसक बताया है। 20 जनवरी 2013 को लोकसभा में नेता सदन सुशील शिंदे थे, तब उन्होंने हिंदू को हिंसक कैंप कहा था। कर्नाटक के हिंदुओं को गंदा बताया था। हिंदुओं को कोरोना वायरस कहा था।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, राहुल गांधी का बयान झूठ का एक पुलिंदा है। उत्तर प्रदेश और श्री अयोध्या धाम को बदनाम करने की साजिश है। इसका जवाब समय आने पर श्री अयोध्या धाम और देश की जनता कांग्रेस पार्टी व इंडी गठबंधन को देगी। अयोध्या को इसकी पहचान से वंचित किसने किया था।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम सबने राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव में झूठे और गुमराह करने वाले वक्तव्य देते हुए देखा है। संविधान का गला घोंटने वाले लोगों ने संविधान के बारे में गुमराह करने वाले वक्तव्य देने के लिए विदेशी पैसों के बल पर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। फर्जी बॉन्ड भरवाकर भारत की माताओं और बहनों को गुमराह करने का कार्य किया। आज फिर इन्होंने झूठा बयान दिया है, जो अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है।
सीएम योगी ने कहा कि हर कोई जानता है कि अयोध्या को उसकी पहचान से किसने वंचित किया है। राहुल गांधी और उनके सहयोगियों ने न केवल अयोध्या को वनवास दिया था, बल्कि सरयू मैया को भी रक्तरंजित किया था। कांग्रेस झूठ का पुलिंदा है। सच ये है कि 1,733 करोड़ रुपए केवल मुआवजे के लिए अयोध्यावासियों को उपलब्ध कराए गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी ने पहले ही भाषण में हिंदुओं का विरोध किया है, वह विरोधी पक्ष के नेता नहीं, बल्कि हिंदू विरोधी पक्ष के नेता हैं। उन्हें कौन इतना confidence दे रहा है कि वह सनातनियों को भला-बुरा कहे? राहुल गांधी को हिंदू समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।