डीईओ को शोकॉज, पुस्‍तक उठाव पर परियोजना निदेशक ने दिए ये निर्देश

झारखंड
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रांची। पुस्तक और अन्य सामग्रियों के प्रखंड स्तरीय कार्यालय से विद्यालयों तक उठाव से संबंधित शिकायत को झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्‍य रंजन ने गंभीरता से लिया। इसे लेकर निदेशक ने 2 जुलाई, 2020 को कई निर्देश दिए हैं। इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक को दी है। कई जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को शोकॉज भी किया है।

गंभीर एवं चितंनीय विषय

राज्‍य परियोजना निदेशक ने पत्र में लिखा है कि विभिन्न स्रोतों से ज्ञात हो रहा है कि प्रखंड स्तर से विद्यालयों के लिए पाठ्य पुस्तकों का उठाव शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा है। यह भी ज्ञात हो रहा है कि प्रखंड से विद्यालय तक सामग्रियों के उठाव में होने वाला व्यय का वहन शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। यह एक गंभीर एवं चितंनीय विषय है।

राशि का प्रावधान

राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा पाठ्य-पुस्तक के विद्यालयों तक पहुंचाने के लिए 500 रुपये प्रति विद्यालय दि‍या जाता है। गुणवत्त शिक्षा के अंतर्गत 1000 रुपये प्रति विद्यालय का प्रावधान किया गया है, ताकि सभी सामग्री बिना किसी व्यवधान के प्रखंड स्तर कार्यालय से विद्यालय तक सुगमता पूर्वक पहुंचायी जा सके।

छवि खराब हो रही है

यह खेदजनक है कि जिलों द्वारा इस आदेश एवं प्रावधान के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है, जिससे विभाग की छवि खराब हो रही है। विगत कई बैठकों में जिलों को सामग्रियों के भंडारण एवं ससमय विद्यालयों तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टिंग के लिए वार्षिक रूप से दर निर्धारण के लिए निर्देशित किया गया है। विभिन्न स्रोतो से ज्ञात हो रहा है कि जिला द्वारा जानबूझकर यह कार्य नहीं किया जा रहा है, जो कि पूर्ण रूप से कर्तव्यहीनता का द्योतक है।

दिए गए ये निर्देश

  • जिला शिक्षा पदाधिकारी, रांची एवं जामताड़ा पत्र प्राप्ति के 3 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी को सौपना सुनिश्चित करेंगे। अन्यथा की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जायेगी।
  • समी जिले 3 दिनों के अन्दर अपना दर निर्धारण से संबंधित प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
  • यदि जिलों द्वारा अबतक दर निर्धारण की कार्रवाई नहीं की गई है तो 15 दिनों के अन्दर दर निर्धारण करते हुए प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायेगे।

संघ ने स्‍वागत किया

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि राज्‍य के शिक्षक द्वारा बीआरसी से पुस्तक उठाव का घोर विरोध के आलोक में राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के आदेश का संघ ने स्वागत किया है। संघ ने कहा कि शिक्षक बंधुआ मजदूर नहीं हैं। स्कूल से कोसो दूर से शिक्षक कैसे पुस्तक उठाव करें, पुस्तक ले जाने का खर्च कौन उठाएगा। संघ की स्पष्ट मांग है कि पुस्तक विद्यालय तक पहुंचाया जाए, क्योंकि विभागीय आदेश   स्कूल तक किताब पहुंचाने का है।

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