जनजातीय भाषाओं में डिजिटल लर्निंग मटेरियल तैयार करने की दी विधिक जानकारी

झारखंड
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रांची। रांची विश्वविद्यालय और संतोष कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग एंड एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम चल रहा है। इसके छठे दिन संकाय सदस्यों को जनजातीय भाषाओं में डिजिटल लर्निंग मटेरियल तैयार करने संबंधी विधिक जानकारी दी गई। मौके पर दो सत्र का आयोजन किया गया।

रिसोर्स पर्सन के रूप में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार की मेंबर सेक्रेटरी कुमारी रंजना अस्थाना, डिप्टी रजिस्ट्रार अभिषेक कुमार एवं नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलसचिव डॉ जेएन नायक उपस्थित थे।

झालसा मेंबर सेक्रेटरी कुमारी रंजना अस्थाना ने आदिम जनजातीय भाषाओं को संरक्षित करने की बात कही। बताया कि झारखंड की आठ जनजातीय भाषाओं में विधिक जागरुकता के लिए पुस्तिका उपलब्ध है।

झालसा के डिप्टी रजिस्ट्रार अभिषेक कुमार ने न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के लिये जनजातीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की बात कही। नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (शिलांग) के पूर्व कुलसचिव डॉ जेएन नायक ने कहा कि भारत में निवास करने वाले जनजातीय समाज की आर्थिक सुदृढ़ता के लिए इनकी भाषा और संस्कृति का संरक्षण आवश्यक है। प्रैक्टिकल सेशन संकाय सदस्यों को एआई टूल की सहायता से कम समय में पीपीटी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।

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