डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला, हमलावर ढेर, जानें पीएम मोदी ने क्या कहा…

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शिकागो। बड़ी और दुखद खबर अमेरिका से आई है, जहां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पेनसिल्वेनिया प्रांत के बटलर शहर में आयोजित एक चुनावी रैली में शनिवार शाम को जानलेवा हमला किया गया। हमले में ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में गोली लगी। वह अब सुरक्षित हैं। अमेरिका की सीक्रेट सर्विस ने संदिग्ध हमलावर को मार गिराया। घटी इस घटना पर पीएम मोदी ने चिंता जताई है।

यह घटना मिल्वाकी में रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन शुरू होने से दो दिन पहले हुई है। इस सम्मेलन में ट्रंप को औपचारिक रूप से राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। अमेरिका के इतिहास में यह ऐसी पहली घटना नहीं है, इससे पहले अब्राहम लिंकन समेत चार राष्ट्रपतियों की हत्या हो चुकी है और कई राष्ट्रपतियों एवं पूर्व राष्ट्रपतियों पर जानलेवा हमला हो चुका है।

सीक्रेट सर्विस अमेरिका की संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी है और आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है। उसने बताया कि 78 वर्षीय ट्रंप शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान शाम 6.15 बजे एक संदिग्ध हमलावर ने रैली स्थल के बाहर एक ऊंचे स्थान से मंच की ओर कई गोलियां चलाईं, जिसमें ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में एक गोली लगी।

इस हमले में रैली में मौजूद एक व्यक्ति मारा गया, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हमला होने पर सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने ट्रंप को सुरक्षा घेरे में ले लिया और मंच के पीछे ले गए गए। इसके बाद वे ट्रंप को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए वाहन की ओर बढ़ गए, इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति के दाहिने कान से खून निकलता देखा गया। सुरक्षित स्थान पर ले जाए जाने के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘मुझे मेरे जूते तो ले लेने दो।’

उन्होंने अपने समर्थकों की ओर मुट्ठी बांधकर हाथ हवा में लहराया। रैली में हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक मौजूद थे और विभिन्न टीवी चैनलों पर इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा था। गोलीबारी होते ही वहां अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए भागते नजर आए।

सीक्रेट सर्विस के प्रवक्ता एंथनी गुगेइल्मी ने एक बयान में कहा, ‘अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने हमलावर को मार गिराया। संघीय एजेंसी ने तत्काल सुरक्षा उपाय किए और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप सुरक्षित हैं।’ उन्होंने कहा कि घटना की जांच जारी है। हमले का मकसद पता नहीं चल सका है। कानून प्रवर्तन से जुड़े कई अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि हमलावर ने 200 से 300 फीट की दूरी पर बने एक ऊंचे स्थान से ‘एआर’ सरीखी राइफल से गोली चलाई।

एफबीआई ने हमलावर की पहचान बेथेल पार्क के 20 वर्षीय थामस मैथ्यू क्रूक्स के रूप में की है, जो रिपब्लिकन के रूप में वोट करने के लिए पंजीकृत है। वह पहली बार राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाला था। उसका आवास घटनास्थल से एक घंटे की दूरी पर स्थित है।

उसने बेथेल पार्क हाई स्कूल से 2022 में ग्रेजुएशन किया था। उसे नेशनल मैथ एंड साइंस इनीशिएटिव में 500 डॉलर का स्टार अवॉर्ड भी मिला था। क्रूक्स के पिता 53 वर्षीय मैथ्यू क्रूक्स ने एक समाचार चैनल से कहा कि वह अभी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हुआ है।

इंटरनेट मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर ट्रंप ने त्वरित कार्रवाई करने एवं जान बचाने के लिए अमेरिका की सीक्रेट सर्विस का आभार जताया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरे दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में गोली लगी। सनसनाहट महसूस हुई और गोलियों की आवाज सुनकर मैं तुरंत समझ गया था कि कुछ गलत हुआ है। फिर तुरंत मुझे महसूस हुआ कि गोली मेरी त्वचा को छूकर निकल गई। काफी खून निकल गया था, तब मुझे अहसास हुआ कि क्या कुछ हो रहा है। ईश्वर अमेरिका की रक्षा करें।’

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वी ट्रंप से बात की। हालांकि व्हाइट हाउस ने यह नहीं बताया कि दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, लेकिन कहा कि राष्ट्रपति ने पेनसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो और बटलर के मेयर बाब डैंडोय से भी बात की।

ट्रंप पर हमले के करीब दो घंटे बाद बाइडन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हत्या के प्रयास की हर किसी को निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम ऐसा नहीं होने दे सकते। अमेरिका में इस तरह की हिंसा पहले कभी नहीं सुनी।’ बाइडन को वीकेंड में डेलवेयर में रहना था, लेकिन योजना बदलकर वह व्हाइट हाउस लौट आए।

ट्रंप पर हमले की भारत समेत कई देशों ने निंदा की है। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शामिल हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेश्कोव ने कहा, ‘हम ऐसा बिल्कुल नहीं सोचते या मानते कि वर्तमान सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप को खत्म करने का प्रयास किया है, लेकिन राजनीतिक संघर्ष के दौरान इस प्रशासन ने जो माहौल बनाया, ट्रंप के इर्द-गिर्द जो माहौल बना, उसने अमेरिका को इस स्थिति के लिए उकसाया।’

अमेरिका उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जार्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन ने ट्रंप पर हुए हमले की निंदा की है। डेमोक्रेटिक एवं रिपब्लिकन पार्टी के विभिन्न नेताओं ने भी ट्रंप पर हमले की निंदा की है।

आंतरिक सुरक्षा मंत्री एलेक्जाड्रो एन। मयोरकास ने कहा कि उनका मंत्रालय (डीएचएस) और यूएस सीक्रेट सर्विस अन्य कानून प्रवर्तन विभागों के साथ मिलकर ट्रंप पर हुए हमले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इस हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और त्वरित कार्रवाई के लिए सीक्रेट सर्विस की सराहना करते हैं।

हम राष्ट्रपति बाइडन, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और उनके चुनाव प्रचार टीम के साथ जुड़े हुए हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं।’ रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने भी घटना की निंदा की और कहा हिंसा का अमेरिकी लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी ने घटना को बताया बेहद दुखद  

अपने मित्र पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से मैं बेहद चिंतित हूं। मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।