ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के बेटे के खिलाफ पुरी थाने में शिकायत दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच

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ओडिशा। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के बेटे के खिलाफ पुरी थाने में शिकायत दर्ज हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दरअसल, राजभवन कर्मी के साथ हुए मारपीट मामले में पीड़ित की पत्नी ने राज्यपाल रघुवर दास के बेटे और अन्य लोगों पर पति की पिटाई करने का आरोप लगाया है।

पीड़ित की पत्नी ने कहा कि, राज्यपाल के बेटे के लिए लग्जरी कार न भेजे जाने के कारण उसके पति को कमरे में बुलाकर बुरी तरह पीटा गया। ओडिशा राजभवन में तैनात 47 वर्षीय बैकुंठ प्रधान हाउसहोल्ड सेक्शन में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं।

7 जुलाई को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन की तैयारी में प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए थे। 10 जुलाई को बैकुंठ प्रधान ने आरोप लगाया कि उनके साथ 7 जुलाई की रात राज्यपाल रघुवर दास के बेटे ललित कुमार और पांच अन्य लोगों ने मारपीट की।

उन्होंने एक लिखित शिकायत राज्यपाल के प्रधान सचिव को दी। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि राजभवन के अधिकारियों और प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा ने उनका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की। 

वहीं बैकुंठ की पत्नी सयोज ने आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए पीटा गया, क्योंकि राज्यपाल के बेटे को स्टेशन से लेने के लिए एक लग्जरी कार चाहिए थी। लेकिन उस दौरान राष्ट्रपति के दौरे के कारण कई गाड़ियां ड्यूटी पर थीं। तो मेरे पति ने एक मारुति सुजुकी कार भेजी, क्योंकि उस समय वह कार ही उपलब्ध थी।

इस बात से नाराज होकर उन्होंने मेरे पति को पीटा। और पीटते हुए पूछा कि उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों नहीं मिला? सयोज ने बताया कि उनके पति अभी भी घायल हैं। मेरे पति राज्यपाल से भी मिले, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हमने पुरी बीच पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले और आरोपियों को सजा मिले।


बैकुंठ प्रधान ने शिकायत में लिखा, “राजभवन, पुरी का प्रभारी होने के नाते, मैं 7 और 8 जुलाई को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा/प्रवास की तैयारियों की निगरानी के लिए 5 जुलाई से वहां था।” उन्होंने आरोप लगाया कि 7 जुलाई की रात करीब 11।45 बजे जब वह कार्यालय कक्ष में बैठे थे, तो राज्यपाल का निजी रसोइया आया और उनसे कहा कि कुमार उनसे तुरंत मिलना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “जैसे ही कुमार ने मुझे देखा, उन्होंने असंसदीय भाषा में मुझे डांटना शुरू कर दिया और बेहद आपत्तिजनक गाली-गलौज का इस्तेमाल किया।

जब मैंने इस तरह के अपमान का विरोध किया, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।” वह कमरे से बाहर भागे और एनेक्सी के पीछे छिप गए, लेकिन कुमार के निजी सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें ढूंढ लिया और लिफ्ट के माध्यम से एक कमरे में ले गए। उन्होंने आरोप लगाया, “वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों ने इस घटना को देखा।

उन्होंने फिर मुझे थप्पड़ मारे, मेरे चेहरे पर मुक्के मारे, मेरे शरीर के हर हिस्से पर लात मारी और मेरे बाएं टखने को मोड़ दिया। कुमार लगातार कह रहे थे कि अगर वे मुझे मार देंगे, तो कोई मुझे नहीं बचा सकता।” बैकुंठ का आरोप है कि उन्होंने 8 जुलाई को राज्यपाल के प्रधान सचिव को मौखिक रूप से घटना की जानकारी दी।