बाल श्रम व यौन शोषण अपराध : राजेश कुमार सिंह

झारखंड
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  • डालसा सभागार में पारा लिगल वोलंटियर के लिए कार्यशाला का आयोजन

रांची। बाल श्रम, यौन शोषण पर डालसा सभागार में जिला स्तरीय जागरुकता कार्यशाला का आयोजन 26 जुलाई को किया गया। इसमें पारा लिगल वोलंटियर शामिल हुए। झालसा के निर्देश और न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत यह कार्यक्रम किया। इसमें सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के एनजीओ का सहयोग मिला।

इस अवसर पर अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश (कुटुम्ब न्यायालय-2) राजेश कुमार सिंह, डालसा सचिव कमलेश बेहरा, एल.ए.डी.सी.एस. प्रमुख प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, एल.ए.डी.सी.एस. डिप्‍टी राजेश कुमार सिन्हा, सी.डब्ल्यू.सी. मेम्बर विनय कुमार, प्रियरंजन, एल.पी.ओ. डी.सी.पी.यू. दुर्गा शंकर साहू, बचपन बचाओ आंदोलन के ब्रजेश कुमार मिश्रा, एस.जी.वी.वी. के सचिव राजेन कुमार, जिला समन्वयक अरविंद कुमार, डालसा के कार्यरत सभी पीएलवी उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश राजेश कुमार सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला बच्चों के संरक्षण से संबंधित कानून के बारे में आप सभी को जागरूक करने के लिए है, ताकि आप कस्बों, गांवों, सुदुरवर्ती क्षेत्र में जाकर लोगों को जागरूक कर सकें। बच्चों के अधिकारों के बारे में बता सकें।

बच्चों से संबंधित पोक्सो एक्ट-2012 के बारे में एलएडीसी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने विस्तार से बताया। उन्होंने कानूनी प्रवधानों के बारे में और पोक्सो एक्ट में कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था है, इसकी जानकारी दी। पीड़ित बच्चों से संबंधित कोई भी पहचान अखबार में प्रकाशन नहीं करना है।

एलएडीसी अधिवक्ता ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे-बच्चियों के साथ अगर किसी भी तरह का दुष्‍कर्म, छेड़छाड़ या उन्‍हें इस तरह के कार्य में धकेला जाता है, तो एक्ट में कड़ा प्रवधान है। इसके तहत उम्र कैद, आजीवन कारावास की सजा अभियुक्त को दिलाई जा सकती है।

सीडब्ल्यूसी के सदस्य विनय कुमार ने बाल विवाह के विरूद्ध विस्तार से जानकारी दी। कहा कि नये कानून में सजा के कड़े प्रावधान हैं। दुर्गा शंकर साहू ने बच्चों से संबंधित वात्सल्य मिशन की विस्तार से जानकारी दी। स्‍पॉन्‍सरशिप एवं फॉस्टर केयर के बारे में बताया। बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक ब्रजेश कुमार मिश्रा ने बाल तस्करी से संबंधित तस्कर के लिए सजा एवं जुर्माना के बारे में उपस्थित पीएलवी को बताया।

राजेन कुमार ने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन का मुख्य उद्देश्य संस्था एवं सरकारी तंत्र और पारा लिगल वोलंटियर के साथ समन्वय स्थापित कर बच्चों को संरक्षित एवं सुरक्षित करने का कार्य किया जाना है। इसमें आप सभी लोगों के सहयोग की आवश्यकता है।

एस.जी.वी.वी के अरविंद कुमार ने कहा कि बाल श्रम भी कानूनन अपराध है, जिसके तहत 14 वर्ष से नीचे बच्चों से किसी भी प्रकार के प्रतिष्ठान में कार्य नहीं लिया जा सकता है। 14 वर्ष से उपर बच्चों से खतरनाक प्रतिष्ठानों में कार्य नहीं कराया जा सकता है। इसके लिए नये कनून में भी सजा का प्रावधान किया गया है।

डालसा सचिव कमलेश बेहरा ने सभी पीएलवी को कस्बों, गांवों एवं सुदुरवर्ती प्रखंड क्षेत्रों में जाकर ग्रमाणों को जागरूक करने को कहा, ताकि गांव के लोग जागरूक होकर बुराई से लड़ सकें। बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। बच्चों से संबंधित घटना हो तो उस पर अभियुक्त को सजा दिलाया जा सके।

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