- आरएंडडी भवन में शोध प्रदर्शनी भी लगाई गई
रांची। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (BIT), मेसरा में 15 जुलाई, 2024 को 70वां स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कैट हॉल में हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल एवं बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलाधिपति सी.पी. राधाकृष्णन, विशिष्ट अतिथि आईआईटी (आईएसएम), धनबाद के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा थे। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष सी.के. बिरला, संस्थान के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना, संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप दत्ता, एलुमनाई और अंतर्राष्ट्रीय संबंध की डीन डॉ. श्रद्धा शिवानी थे।
डॉ. श्रद्धा शिवानी ने अतिथि और पूर्व छात्रों का स्वागत किया। बताया कि आज का दिन संस्थान की विरासत का उत्सव है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्थापना दिवस शिक्षा की सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिज्ञा के रूप में कार्य करता है।
समारोह की शुरुआत प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने संस्थान की स्थापना से लेकर 70वीं वर्षगांठ तक की यात्रा पर एक प्रस्तुति से हुई। इसमें उन्होंने संस्थान की विभिन्न उपलब्धियों का विवरण दिया। उन्होंने संस्थान द्वारा किए गए कई प्रथम कार्यों के बारे में बात की।
सी.के. बिरला ने छात्रों को पूर्व छात्रों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। छात्रों को जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
आईटी सेल के प्रभारी डॉ. अभिजीत मुस्तफी ने आधुनिकता और आंतरिक विकास पर प्रकाश डालते हुए नई संस्थान वेबसाइट के बारे में बात की। संस्थान की नई वेबसाइट का उद्घाटन सी.के. बिरला ने किया।
प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने इंजीनियरिंग शिक्षा के महत्व पर प्रस्तुति दी। उन्होंने इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा अपने पाठ्यक्रम के दौरान विकसित की जाने वाली आलोचनात्मक सोच और यह उनके इंजीनियरिंग करियर में कैसे मदद करती है, इस बारे में बात की।
प्रोफेसर पी.के. सिन्हा, प्रोफेसर जे.के. प्रसाद और प्रोफेसर के.वी. कृष्णमूर्ति को विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार डॉ. आशीष वासवानी और सुश्री तनुजा प्रसाद को ‘इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता में योगदान’ श्रेणी के अंतर्गत, डॉ. देवेन शर्मा और सुश्री जया सिंह पांडा को ‘कॉर्पोरेट जगत, उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों में नेतृत्व’ श्रेणी के अंतर्गत प्रदान किए गए।
प्रोफेसर केपीजे रेड्डी को ‘इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता’ श्रेणी के तहत सम्मानित किया गया। आदित्य रंजन, सुशांत गौरव और डॉ. आत्मेश श्रीवास्तव को ‘भारत और विदेश में समाज की सेवा, जिसमें बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान को सहायता शामिल है’ श्रेणी के तहत सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेताओं ने सभी को प्रेरित करने के लिए एक संक्षिप्त भाषण दिया। स्वर्गीय माधवन के. नायर को मरणोपरांत प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सी.पी. राधाकृष्णन ने संस्थान को 70वें वर्ष में प्रवेश करने के लिए बधाई दी। अपनी शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने संस्थान की तकनीकी शिक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने संस्थान के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के बारे में बात की, जो अपने कई शिविरों के माध्यम से समाज में योगदान दे रहा है।
प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा को प्रशंसा चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन मृणाल पाठक एवं शौर्यदीप ने किया। एलुमनाई एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध के एसोसिएट डीन विशाल एच. शाह ने धन्यवाद किया। आरएंडडी भवन में शोध प्रदर्शनी भी लगाई गई। यहां संस्थान के विभिन्न पेटेंट प्रदर्शित किए गए।
कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा द्वारा शोध संगोष्ठी के उद्घाटन के साथ हुआ। जहां शोधार्थियों ने पूर्व छात्रों के समक्ष अपने कार्य प्रस्तुत किए। इसके बाद विभागीय भ्रमण का आयोजन भी किया गया।
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