नीतीश सरकार की बड़ी कार्रवाईः 15 इंजीनियरों को किया सस्पेंड, जानें वजह

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डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसी को किया ब्लैकलिस्टेड, वसूली जाएगी नए पुल निर्माण की राशि

पटना। बड़ी खबर बिहार से आई है, राज्य में लगातार पुल और पुलिया गिरने की घटनाओं को नीतीश सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। मामले में शुक्रवार को 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए अभियंताओं में 11 जल संसाधन विभाग और 4 ग्रामीण कार्य विभाग के हैं। साथ ही दो अभियंताओं से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इसके अलावा डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसी को भी ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है।

जांच रिपोर्ट के आधार पर जल संसाधन विभाग ने अपने 11 अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। जिसमें दो कार्यपालक, चार सहायक और पांच कनीय अभियंता शामिल हैं। इसके साथ कार्यकारी संवेदक को फिलहाल आगे कोई काम नहीं देने का निर्णय लिया है।

शुक्रवार को विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने बताया कि सारण और सीवान जिले में गंडकी और छाड़ी नदी पर गिरे छह पुल और पुलिया जल संसाधन विभाग के थे। ये सभी 30 साल से अधिक पुराने थे। विकास आयुक्त ने बताया कि जिन्हें निलंबित किया है, उनमें दो कार्यपालक अभियंता अमित आनंद, कुमार ब्रजेश, चार सहायक अभियंता राजकुमार, चन्द्रमोहन झा, सिमरन आनंद, नेहा रानी और पांच कनीय अभियंता मो. माजिद, रवि कुमार रजनीश, रफीउल होदा अंसारी, रतनेश गौतम और प्रभात रंजन निलंबित हुए हैं। यह कार्रवाई उड़नदस्ता द्वारा जांच के बाद दी गयी रिपोर्ट के आधार पर की गयी है। इन सबके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चलेगी।

विकास आयुक्त ने बताया कि विभागीय जांच में पाया गया है कि कार्य के दौरान संबंधित अभियंताओं ने नदी पर स्थित पुल-पुलियों को सुरक्षित रखने के लिए एहतियाती कदम नहीं उठाए। उन्होंने बताया कि अभियंताओं द्वारा तकनीकी पर्यवेक्षण भी नहीं किया गया। जांच में ठेकेदारों के स्तर पर भी लापरवाही सामने आई है। इसलिए एक ओर जहां अभियंताओं को निलंबित किया गया है, वहीं ध्वस्त पुलों के स्थान पर बनने वाले नए पुलों की पूरी राशि संबंधित ठेकेदार से वसूली जाएगी।

इधर ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक सिंह ने बताया कि विभाग के तीन पुल ध्वस्त हुए हैं। जिसकी जांच करवाई गई। इस मामले में विभाग ने 6 इंजीनियर पर कार्रवाई की है। 4 इंजीनियर सस्पेंड किए गया हैं। दो अभियंता पहले से सस्पेंड हैं।