पटना। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर में तीन दिवसीय संस्थान अनुसंधान परिषद की बैठक का शुभारंभ 1 जुलाई 2024 को हुआ। संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की जा रही है।
इस अवसर पर संस्थापक निदेशक एवं कुलपति (भा.कृ.अनु.प. – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ़) डॉ. पी.के. घोष बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. घोष ने सुझाव दिया कि प्रत्येक वैज्ञानिक 4-5 परियोजनाओं में ही कार्य करें। इससे उनके कार्यों की उत्पादकता बनी रहेगी। उन्होंने कार्यक्षमता बढ़ाने और टीम की भावना से कार्य करते हुए बहु-विषयक अनुसंधान कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
डॉ घोष ने कहा कि वैज्ञानिक अपने कार्यों का प्राथिमिकीकरण करने के बाद ही उसका निष्पादन करें। उन्होंने यांत्रिकीकरण के माध्यम से किसानों के लागत मूल्य कम करने पर जोर दिया।
इससे पूर्व डॉ. अनुप दास ने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने संस्थान द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं का मूल्यांकन किया। इसमें सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने अत्याधुनिक तकनीकों पर बल देते हुए युवा वैज्ञानिकों से नये महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने किसानों तक कृषि तकनीकों को पहुंचाने के लिए संस्थान द्वारा चलाए जा रहे प्रसार कार्यों की जानकारी भी दी।
इस बैठक में लगभग 100 परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा होगी। प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। नए शामिल किए जाने वाले परियोजनाओं पर रणनीति बनाई जाएगी। बैठक के दौरान पटना मुख्यालय, रांची, बक्सर और रामगढ़ केन्द्रों के विभागाध्यक्ष एवं 60 से अधिक वैज्ञानिक उपस्थित थे।
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