कम प्राकृतिक संसाधनों में अधिक उत्पादन की रणनीति विकसित करें वैज्ञानिक : राज्यपाल

कृषि झारखंड
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बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 44वां स्थापना दिवस समारोह

रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि कृषि के बिना किसी संस्कृति का अस्तित्व नहीं रहेगा। इसलिए कृषि, किसान और गांवों की बेहतरी के लिए सबको मिलकर काम करना चाहिएI आनेवाले समय में कम भूमि, कम पानी और कम प्राकृतिक संसाधन के साथ ज्यादा उत्पादन करने की चुनौती सामने आएगी। इसके लिए वैज्ञानिकों को कमर कसनी है और रणनीति विकसित करनी है। वे 26 जून को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के 44वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे।

सीमित संसाधनों के साथ सर्वोत्‍तम दें

राज्यपाल ने कहा कि हम जो भी करें, वह राष्ट्र का काम समझकर करें, ना कि किसी संस्थान, क्षेत्र, राज्य या समूह विशेष का कार्य समझकर। देश बढेगा तो सभी बढ़ेंगे। राज्यपाल ने हमेशा सकारात्मक रहने पर जोर देते हुए कहा कि सभी संस्थानों में मानव संसाधन सहित सुविधाओं की कमी है। कोई भी समस्या से मुक्त नहीं है। समस्याओं से गुजरते हुए सीमित संसाधनों के साथ हमको अपना सर्वोत्तम देना चाहिये। उन्होंने कहा कि वह कुलपतियों को अधिक से अधिक शक्ति और स्वायत्तता देने के पक्षधर हैं।

ताजे फल-सब्जियों के उपभोग पर जोर

राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची के निदेशक एवं सीइओ डॉ राजकुमार ने कहा कि ह्रदय रोग, सड़क दुर्घटना और कैंसर के साथ-साथ खाद्य पदार्थों में मिलावट एवं घातक रसायनों का अंश होना मौत का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम, शारीरिक वजन प्रबंधन और ताजे फल-सब्जियों के समुचित उपभोग से कैंसर होने की संभावना को कम किया जा सकता है।

रोड मैप पर चिंतन करने का अवसर

भारतीय कृषि जैवप्रौद्योगिकी संस्थान (नामकुम) के निदेशक डॉ सुजय रक्षित ने कहा कि‍ स्थापना दिवस का अवसर उपलब्धियों के सिंहावलोकन के साथ-साथ संस्थान के समक्ष उपस्थित चुनौतियों के आकलन और उनसे निबटने के रोड मैप पर चिंतन करने का भी है।

कुलपति ने भावी शोध कार्यक्रम बताए

बीएयू के कुलपति डॉ एससी दूबे ने स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे भावी शोध कार्यक्रमों का फोकस गर्मी सहिष्णु बायोफोर्टीफायड फसल प्रभेदों के विकास, टिकाऊ जल एवं पोषण प्रबंधन, समेकित कृषि प्रणाली और पशुओं एवं पौधों के देशज प्रभेदों के संरक्षण एवं संवर्धन पर होगा।

विवि की वार्षिक रिपोर्ट का लोकार्पण

इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट और प्रो. एनसी दास की पुस्तक एंट्रेप्रेनुरल डिज़ाइन्स फॉर स्टार्ट अप्स का लोकार्पण किया। 80 वर्ष से अधिक उम्र के 6 कर्मियों डॉ डीके ठाकुर, डॉ डीके मुख़र्जी, डॉ डीके झा, ध्रुव राज महतो, सुकरी मेहतरानी और अर्जुन प्रसाद को सम्मानित किया। अपनी मानवतावादी संवेदना के साथ राज्यपाल ने अपना मेमेंटो मंच से नीचे आकर सुकरी मेहतरानी को सौंप दिया।

शिक्षक-कर्मचारियों की प्रतियोगिता के विजेता

स्थापना दिवस पर शिक्षकों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में कृषि महाविद्यालय (गढ़वा) के डॉ एंजल दीपक शयनराव को प्रथम, पशुचिकित्सा महाविद्यालय (रांची) की डॉ पुनीता कुमारी को द्वितीय और बागवानी महाविद्यालय (खूंटपानी, चाईबासा) के डॉ शेखर साहू को तृतीय पुरस्कार मिला। शिक्षकेतर कर्मियों में कृषि महाविद्यालय (गढ़वा) के आकाश कुमार गुप्ता को प्रथम, कुलसचिव कार्यालय की भारती कुमारी को द्वितीय और वानिकी महाविद्यालय के अमरेन्द्र कुमार वर्मा को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।

ऑन द स्पॉट निबंध प्रतियोगिता के विजेता

अंतरस्नातक विद्यार्थियों के लिए आयोजित ऑन द स्पॉट निबंध प्रतियोगिता में तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय की तनुश्री ने प्रथम, यशी ने द्वितीय और प्रेरणा भारती ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में वानिकी महाविद्यालय की जेबा सदफ ने को प्रथम, गुलाम मुर्तज़ा को द्वितीय और हसन शौफीक को तृतीय पुरस्कार मिला।

नवोन्मेषी कृषि के लिए किसान पुरस्‍कृत

नवोन्मेषी कृषि के लिए पलामू के कपिलदेव ठाकुर, पूर्वी सिंहभूम के अमित कुमार महतो, चतरा के बीरेंद्र कुमार और बोकारो की संगीता देवी को सम्मानित किया गया। आयोजन सचिव और निदेशक छात्र कल्याण डॉ बीके अग्रवाल ने धन्यवाद एवं शशि सिंह ने संचालन किया।

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