राजनाथ-भूपेंद्र तय करेंगे ओडिशा का मुख्यमंत्री, आज होगी विधायकों की बैठक, ये बन सकते हैं सीएम

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के पीएम पद पर शपथ लेने के साथ ही ओडिशा में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गयी है। पहली बार ओडिशा में सरकार बनाने जा रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओडिशा में विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को अगले मुख्यमंत्री का चुनाव करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोमवार को विधायकों की बैठक होने की संभावना है। संभवत: इस बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव कर लिया जाएगा, जो राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेगा। 

पार्टी ने एक बयान में कहा, उसके संसदीय बोर्ड ने बैठक की निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है, इसकी जिम्मेदारी राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को सौंपी गई है। दोनों नेता ओडिशा विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से शामिल थे। 

दूसरी तरफ, ओडिशा में पहली बार बन रही भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर है। शपथग्रहण के लिए जनता मैदान को संवारा जा रहा है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित 30,000 लोग शामिल होंगे। शपथग्रहण समारोह 10 जून को होगा। भाजपा आलाकमान ने सरकार गठन के लिए तीन नेताओं के पैनल को ओडिशा भेज दिया है। इनमें मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल सांसद आलोक शर्मा और भाजपा नेता लोकेंद्र पाराशर शामिल हैं। 

बता दें कि, ओडिशा मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे प्रबल दावेदारों में संबलपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष और पटनागढ़ से नवनिर्वाचित विधायक केवी सिंह देव का नाम चर्चा में हैं। प्रधान राज्य में भाजपा का चेहरा माने जाते हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं।

वहीं, देव पांच बार के विधायक हैं। उन्होंने 2000 से 2009 के बीच नौ वर्षों तक नवीन पटनायक मंत्रिपरिषद में मंत्री के रूप में काम किया। इन दोनों के अलावा आदिवासी नेता मोहन माझी का नाम भी चर्चा में है। माझी क्योंझर सीट से चुने गए हैं।

बता दें कि, ओडिशा में पिछले 24 साल से बीजू जनता दल का शासन रहा है और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतीं और राज्य में पहली बार बहुमत हासिल किया। वहीं, लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर 21 में से 20 सीटों पर अपना कब्जा जमाया।