नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 खत्म होते ही जमीन के बदले नौकरी मामले में पहले से घिरे पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने नयी दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार को अंतिम आरोपपत्र दाखिल कर दिया।
कोर्ट में सीबीआई की ओर से दाखिल आरोप पत्र में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटे पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बेटी एवं ओएसडी व निजी सचिव, जमीन के बदले नौकरी लेने वाले 37 लाभान्वित, रेलवे के 29 कर्मी समेत कुल 78 आरोपी बनाये गये हैं।
सीबीआइ ने अंतिम आरोप पत्र में कहा है कि जमीन के बदले नौकरी मामले में इन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। शुक्रवार की देर शाम सीबीआइ ने अपने आधिकारिक बेवसाइट पर आरोप पत्र को लेकर प्रेस रिलीज भी जारी किया।
सीबीआई के प्रेस रिलीज में कहा गया है कि राउज ऐवेन्यू कोर्ट में दायर अंतिम आरोप पत्र में तत्कालीन रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, बेटी, ओएसडी एवं निजी सचिव के अलावा रेलवे के 29 कर्मी एवं जिन लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गयी उनमें 37 लोगों के नाम दर्ज किये गये हैं।
कोर्ट ने दाखिल की गयी आरोप पत्र को लेकर छह जुलाई को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। छह जुलाई को कोर्ट अंतिम आरोप पत्र पर संज्ञान लेगा। उल्लेखनीय है कि राउज ऐवेन्यू की विशेष अदालत पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ को फटकार लगाते हुए हर हाल में सात जून तक इस मामले में अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि सीबीआइ हर सुनवाई में चुनाव को लेकर अधिकारियों के व्यस्त रहने की दलीलें दे रही हैं। लेकिन, हर हाल में 7 जून तक उसे अंतिम आरोप पत्र दायर करना ही होगा। इसी निर्देश के बाद सीबीआइ ने शुक्रवार सात जून को अंतिम आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
आरोप पत्र के अनुसार सीबीआइ की जांच में यह खुलासा हुआ है कि 2004-2009 के दौरान तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के करीबी लोगों द्वारा कथित तौर पर जमीन लिये जाने के एवज में रेलवे के सभी 11 जोन में ग्रुप डी नौकरी दी गयी थी।
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपियों ने रेलवे अधिकारियों के साथ साजिश रची और अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम जमीन लेने के एवज में व्यक्तियों की भर्ती की। यह भूमि तत्कालीन सर्किल दर से कम कीमत पर और बाजार दर से भी बहुत कम कीमत पर हासिल की गयी थी।
सभी लाभाविंत लाभान्वित होने वाले उन जिलों से थे जहां से तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री और उनके परिवार के सदस्य लंबे समय निर्वाचित होते रहे थे। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि दाखिल की गयी अंतिम चार्जशीट पर सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद भी कोर्ट इस मामले में छह जुलाई को चार्जशीट पर विचार करेगी।
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ के अंतिम आरोप पत्र में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू-राबड़ी की पुत्री मीसा भारती एवं हेमा यादव, ओएसडी रहे भोला यादव, कारोबारी अमित कात्याल, पश्चिम मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम और दो सीपीओ समेत 78 के खिलाफ अंतिम आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं।