नई दिल्ली। एचआईवी पीड़ितों के लिए अच्छी खबर है, दरअसल एचआईवी से बचाने वाली दवा लेनाकापाविर का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। यह ट्रायल युगांडा और दक्षिण अफ्रीका में महिलाओं पर किया गया। क्लीनिकल ट्रायल के दौरान नई एंटीवायरल दवा के साल में दो बार इंजेक्शन से महिलाओं को एचआइवी से पूरी सुरक्षा मिली।
एडवोकेसी फॉर प्रिवेंशन ऑफ एचएचआइवी एंड एड्स इन साउथ अफ्रीका के प्रमुख यवेटे राफेल ने कहा, यह अब तक की सबसे अच्छी खबर है। यह दवा उच्च आय वाले देशों में उपयोग की जाने वाली दो अन्य दवाओं की तुलना में एचआईवी संक्रमण से बचाव में अधिक कारगर है।
परीक्षण में भाग लेने वाली जिन 2,134 महिलाओं को लेनाकापाविर इंजेक्शन दिया गया, उनमें से किसी भी महिला को एचआईवी संक्रमण नहीं हुआ। 1,068 को रोजाना एचआईवी की दूसरी दवा ट्रुवाडा दी गई, इनमें से 16 महिलाएं एचआईवी से संक्रमित हुईं। 2,136 अन्य महिलाओं को रोजाना डेस्कोवी नामक दवा दी गई। इनमें से 39 महिलाएं एचआईवी से संक्रमित पाई गईं।
लेनाकापाविर को विकसित करने वाली कंपनी गिलियड द्वारा निष्कर्षों की घोषणा की गई। हालांकि डाटा का पीयर रिव्यू अभी नहीं किया गया है। गिलियड ने कहा कि वह कम आय वाले देशों में जल्द से जल्द सुलभ मूल्य पर बड़ी मात्रा में लेनाकापाविर दवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।