झारखंड में शुरू हुई कोयला गैसीकरण की देश की पहली पायलट परियोजना

नई दिल्ली देश
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नई दिल्‍ली। कोयला मंत्रालय के रणनीतिक निर्देशन के अतर्गत ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने झारखंड के जामताड़ा जिले के कास्ता कोयला ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के लिए एक अभिनव पायलट परियोजना का शुभारंभ किया है। इस पहल का उद्देश्य कोयला उद्योग में क्रांति लाना है। इसके लिए मूल स्थान पर कोयला गैसीकरण का उपयोग करके इसे मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे गैसों में परिवर्तित करना है।

इन गैसों का उपयोग सिंथेटिक प्राकृतिक गैस, ईंधन, उर्वरक, विस्फोटक और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए रासायनिक फीडस्टॉक्स के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। कोयला मंत्रालय कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। साथ ही, यह कोयले को विभिन्न उच्च मूल्य वाले रासायनिक उत्पादों में परिवर्तित करते हुए इसकी क्षमता को पूर्ण रूप से उपयोग में लाता है।

यह पायलट परियोजना कोल इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत को उन्नत कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी के रूप में स्थापित करती है।

दिसंबर, 2015 में कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट युक्त क्षेत्रों में यूसीजी के लिए एक व्यापक नीतिगत प्रारूप को स्‍वीकृति दी थी। इस नीति के अनुरूप, कोल इंडिया ने भारतीय भू-खनन स्थितियों के अनुरूप यूसीजी प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए कस्ता कोयला ब्लॉक का चयन किया। ईसीएल द्वारा सीएमपीडीआई और कनाडा की एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजीज इंक (ईईटीआई) के सहयोग से यह परियोजना दो वर्ष तक संचालित की जाएगी। इसमें दो चरण शामिल हैं।

22 जून, 2024 को प्रारंभ हुए प्रथम चरण में बोरहोल ड्रिलिंग और कोर टेस्टिंग के माध्यम से तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। दूसरे चरण में कोयला गैसीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सीआईएल आरएंडडी बोर्ड द्वारा वित्तपोषित यह महत्वाकांक्षी आरएंडडी परियोजना, उप-कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और एर्गो एक्सर्जी के बीच सहयोग का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है।

यह प्रोजेक्ट कोयला संसाधन उपयोग में नए मानक स्थापित करने के उद्देश्य के साथ जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा इससे भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्‍वपूर्ण योगदान मिलेगा। कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, इससे राष्ट्र के लिए एक सुगम और पर्यावरणीय रूप से स्‍थायी ऊर्जा भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।

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