नई दिल्ली। अगर आप केदारनाथ धाम की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो यह खबर जरूर पढ़ लें। वहां अब ढोल-नगाड़े बजाने पर प्रतिबंध लग गया है। केदारनाथ धाम में उज्जैन के युवा कलाकारों को बिना अनुमति के ढोल-नगाड़े बजाना भारी पड़ गया।
तीर्थपुरोहित ने इन युवाओं को जमकर लताड़ा और दोबारा ढोल न बजाने की चेतावनी भी दी। तीर्थपुरोहित ने यहां तक कह डाला कि डीएम की परमिशन होगी, तो भी केदारसभा की अनुमति लेनी जरूरी है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दिन से ही अन्य राज्यों के कलाकार ढोल-नगाड़ों के साथ धाम में पहुंचे हुए हैं।
पहले महाराष्ट्र के कलाकारों ने ढोल, नगाड़ों और मंजिरों के साथ काफी देर कर नृत्य किया था। इसके बाद से धाम में रोजाना ही तमाम युवा कलाकार ढोल-नगाड़े बजा रहे हैं, जिससे काफी शोरगुल हो रहा है। धाम में ढोल नगाड़े बजने का सोशल मीडिया में जब वीडियो वायरल हुआ, तो कई लोगों ने धाम में इस तरह के शोरगुल का विरोध किया।
युवाओं के ढोल नगाड़े बजाने और वीडियो बनाने पर तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल भड़क गए और उन्होंने इन युवाओं को जमकर लताड़ा। यहां तक कि उन्होंने एक ढोल वाले से ढोल छीन कर फेंक दिया। सेमवाल का कहना था कि धाम परिसर में बिल्कुल भी ढोल ना बजाया जाए। यहां केवल मंदिर का ढोल बजेगा।
इसके अलावा कोई शोरगुल नहीं होना चाहिए। उन्होंने इन युवाओं से यह भी सवाल किया कि यहां ढोल नगाड़े बजने की अनुमति उनके पास है की नहीं यदि अनुमति है, तो दिखाएं। हालांकि यह लोग इस तरह की कोई अनुमति नहीं दिखा पाए। इस पर सेमवाल ने साफ कह दिया कि यदि जिलाधिकारी भी अनुमति देंगे, तो यहां ढोल-नगाड़े बजाने के लिए पहले केदारसभा की अनुमति जरूरी होगी।