माता बनी कुमाता, नवजात बच्चे को फेंका पुल के नीचे

झारखंड
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आशीष कुमार वर्मा

चक्रधरपुर। कहा जाता है कि पूत कपूत हो सकता है, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती। वह संतानों पर हमेशा करुणा और दया बरसाती है। मां वात्‍सल्‍य का प्रतीक होती है। हालांकि यहां माता के कुमाता हो गई है। उसने अपने नवजात बच्‍चे को पुल के नीचे फेंक दिया। यह घटना पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में घटी।

चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत केरा पंचायत के महुलबोराई से कृष्णापुर गांव जाने वाली सड़क पर स्थित कैनाल पुलिया के नीचे गुरुवार अहले सुबह मां ने अपने नवजात बच्चे को फेंक दिया। सुबह करीब 6 मछली पकड़ने जा रहे तपन कैवर्त को पुलिया के नीचे से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद तपन ने पुलिया के नीचे जाकर देखा तो एक नवजात शिशु फेंका हुआ था। युवक ने तुरंत आसपास के लोगों को बुलाकर जमा किया। नवजात शिशु को सभी उठाकर गांव ले आए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सामाजिक कार्यकर्ता अभिजीत भट्टाचार्य को दी।

सूचना पाकर अभिजीत भट्टाचार्य गांव पहुंचे। नवजात बच्चे के इलाज के लिए तपन और उनकी माता को लेकर चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। वहां चिकित्सक डॉ जेजे मुंडू ने बच्चे की जांच की। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य पाया गया। पुलिया के नीचे झाडियां में फेंके जाने के कारण बच्चे के पैरो में चींटि‍यों के काटे जाने से घाव हो गया है, जिसका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।

इधर सूचना पाकर आजसू जिलाध्यक्ष रामलाल मुंडा, गिरिराज सेना प्रमुख उमाशंकर गिरि, समाज सेवी सदानंद होता, कमल प्रधान के अलावा कई लोग नवजात बच्चे को देखने के लिए अनुमंडल अस्पताल पहुंचे।

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