रांची। झारखंड में चंपाई सोरेन सरकार के मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता आलमगीर आलम को लेकर ईडी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया है। कहा है कि, मंत्री आलमगीर आलम हर टेंडर पर 1.5% कमीशन लेते थे। दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने गुरुवार को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उन्हें बुधवार को उनके निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक के घर से भारी नकदी बरामदगी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
पीएमएलए की विशेष अदालत ने मंत्री आलमगीर आलम को छह दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अनिल कुमार ने बताया कि हमने 10 दिन की ईडी रिमांड मांगी थी। अदालत ने उन्हें (झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम) 6 दिन की दिन रिमांड पर भेज दिया है। कुमार ने बताया कि पूरी नकदी (जो उनके पीएस संजीव लाल के घरेलू नौकर से बरामद की गई थी) उन्हीं की है।
झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के एक सचिव के घरेलू सहायक के रांची स्थित परिसर से जब्त 32.2 करोड़ रुपये की नकदी विधायक आलम के ही हैं और उन्हें अपने विभाग में निष्पादित हर टेंडर से 1.5 प्रतिशत का निश्चित कमीशन मिलता है। संघीय एजेंसी ने पाकुड़ से कांग्रेस नेता आलम (74) को प्रभात कुमार शर्मा की विशेष धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किए जाने के बाद यह दावा किया।
पीएमएलए की विशेष अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने छह मई को आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और घरेलू नौकर जहांगीर आलम के यहां छापा मारा था और आलम के नाम पर माजूद एक फ्लैट से कुल 32.2 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इस मामले में कुल 37.5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है।
ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि जांच में यह पता चला है कि 32.2 करोड़ रुपये की नकदी, जो जहांगीर आलम के नाम पर मौजूद से फ्लैट से जब्त की गई थी, वह आलमगीर आलम की ही थी। ईडी ने मंत्री की रिमांड की मांग करते हुए अदालत से कहा, “यह मामला आलमगीर आलम से संबंधित है और उक्त राशि को संजीव कुमार लाल के निर्देश पर जहांगीर आलम ने एकत्र किया था, जो आलमगीर आलम की ओर से ऐसा कर रहे थे।”
ईडी के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के पास रखे गए लेटरहेड पर कई आधिकारिक दस्तावेजों से पता चलता है कि लाल इस जगह का इस्तेमाल आलमगीर आलम से संबंधित दस्तावेज, रिकॉर्ड, नकदी और अन्य सामान रखने के लिए कर रहे थे।
ईडी ने आरोप लगाया कि यह पता चला है कि लाल आलमगीर आलम और अन्य की ओर से कमीशन वसूली का संचालन करता है। ईडी ने कहा, ,”वह (लाल) निविदाओं के प्रबंधन और इंजीनियरों से कमीशन के संग्रह में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही कमीशन का उक्त प्रतिशत सरकार के उच्च-अधिकारियों में बांटा जाता है।”
ईडी के अनुसार, “… ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से लेकर निचले स्तर तक के कई अधिकारी इस कमीशनखोरी में शामिल हैं और आमतौर पर भारी भरकम भुगतान नकद में लिया जाता था। जिन्हें बाद में सफेद कर दिया जाता था, इसका पता लगाने की जरूरत है।”
एजेंसी ने कहा कि उसने पिछले साल ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा, राम निविदा के आवंटन और कार्य के निष्पादन के संदर्भ में कमीशन लेता था और 1.5 प्रतिशत का निश्चित हिस्सा मंत्री आलमगीर आलम को पहुंचाता था।