वनवासी कल्याण केन्द्र ने सरहुल मिलन समारोह का किया आयोजन

धर्म/अध्यात्म झारखंड
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रांची। वनवासी कल्याण केन्द्र के तत्वावधान में रांची के बरियातु के आरोग्य भवन स्थित सभागार में सरहुल मिलन समारोह का आयोजन 14 अप्रैल को किया गया। रांची महानगर अध्यक्ष सज्जन सर्राफ ने प्रस्तावना के रूप में वनवासी कल्याण केन्द्र द्वारा जनजाति हित में किए जा रहे सेवा कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

विशिष्ट अतिथि रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि आज अगर पर्यावरण को कोई सुरक्षित रखा है, तो वह है जनजाति समाज। जनजाति समाज यदि नहीं होता तो पर्यावरण संतुलन नहीं रहता। पर्यावरण संतुलन नहीं रहने से सृष्टि का विनाश अवश्य होता।

डॉ. एच.पी. नारायण ने कहा कि सरहुल पर्व केवल प्रकृति पर्व ही नहीं है, बल्कि सभी प्रकृति के सभी प्राणियों का मेल-मिलाप है। पेशा कानून झारखंड में अभी तक लागू नहीं हुआ है। इसके लागू नहीं होने से जनजातियों की रीति-रिवाज-परम्परा संरक्षित नहीं हो पा रही है। इसीलिए सभी जागें और अपना हक मांगें।

झारखंड पंचायती राज विभाग की निदेशिक निशा उरांव ने कहा कि धरती ही परिवार है। सभी जनजाति प्रकृति को पूजते हैं। परिवार को पूजा जाता है। सरहुल के ही दिन धरती माता और सूर्य देवता का विवाह हुआ था। इसी दिन से जनजाति समुदाय नये-नये फल, सब्जियों को पूजा करने के उपरांत सेवन करते हैं। इसी दिन से नये साल का शुभारंभ होता है। सखुआ पेड़ के पते से दोना एवं पत्तल बनाते हैं। साल के बीज से महुआ के फल के साथ मिलाकर खाते हैं।

निशा उरांव ने कहा कि जनजातियों का कोई इतिहास ग्रंथ नहीं है, जबकि अन्य समाज का इतिहास लिखित है। जनजातियों का पग-पग, डेग-डेग में गीत गोविन्द, मांदर, ढाक में इतिहास लिखा हुआ है। संथाली में इसे बहा पर्व के रूप में प्रकृति को पूजा करते हैं। प्रकृति में बरगद, तुलसी, पीपल को पूजते हैं। भारतीय सभ्यता ने हीं पर्यावरण के साथ-साथ परम्परा को भी संरक्षित रखा है। निशा उरांव ने पेशा कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम के बीच-बीच में डॉ. बुटन महली एवं लक्ष्मीकांत बड़ाईक ने सरहुल गीत गाकर लोगों का मन मोह लिया। इसके अलावे अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

कार्यक्रम को देवव्रत पाहन, बी.आई.टी. के प्रो. डॉ. प्रदीप मुण्डा, साईनाथ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एस.पी. अग्रवाल ने भी सरहुल महोत्सव को संबोधित किया। कार्यक्रम में कई मौजा के पाहनों और समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन संदीप उरांव और प्रदीप लकड़ा ने किया। धन्यवाद जनजाति सुरक्षा मंच के प्रमुख पाहन विमल पाहन ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मेघा उरांव, सोमा उरांव, हिन्दुवा उरांव, सन्नी उरांव, सुनील सिंह, तुलसी गुप्ता, विजय केशरी, हीरेन्द्र सिन्हा, नरेश पाहन, महेश मुण्डा, पिंकी खोया, सुशील मरांडी, देवनन्दन सिंह, तुलसी महतो, देवकी मुंडा, नरेश मुंडा, अमित मुंडा, रामकुमार पाहन, सुजाता मुंडा, ललिता कुमारी, सुलेखा कुमारी, प्रतिभा गोयल, पूनम गुप्ता, रणधीर सिन्हा, बीरेन्द्र सिंह पवन मंत्री अर्जुन राम, डॉ अटल पांडेन्य, भीम मुंडा, जितेश्वर मुंडा, रवि प्रकाश उरांव, प्रेम प्रकाश उरांव वह अन्य उपस्थित थे।

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