पशुपतिनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 20 से 24 अप्रैल तक

धर्म/अध्यात्म झारखंड
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  • शनिवार की सुबह भव्य कलश यात्रा निकलेगी

रांची। कांके के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित छह दशक प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 20 से 24 अप्रैल तक होगा। प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कर 61 फीट ऊंचे गुंबद, लगभग 2000 वर्ग फीट के सभागार और 1000 वर्ग फीट के गर्भगृह एवं परिक्रमा का निर्माण किया गया है।

मंदिर में जबलपुर से मंगवाये गये तीन फीट ऊंचे भगवान नर्मदेश्वर शिवलिंग के अलावा माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय, नंदी बाबा, मां दुर्गा, हनुमान जी एवं रथारूढ़ सूर्य भगवान की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। नांदेड़, महाराष्ट्र के शिल्पकारों द्वारा निर्मित किए गए 61 फीट ऊंचे गुम्बद के ऊपर तीन स्तरों पर लक्ष्मी माता, विष्णु भगवान्, दुर्गा माता, भगवान शिव, गणेश जी एवं सूर्यदेव,  राधा जी, कृष्ण जी, हनुमान जी, सीता माता, भगवान राम  एवं विश्वकर्मा जी, बाबा गोरखनाथ, परशुराम जी, आदि शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद, भगवान बुद्ध एवं महाराजा अग्रसेन की आकर्षक प्रतिमा स्थापित है I

पशुपतिनाथ टेंपल मैनेजमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डॉ रामदेव प्रसाद गुप्त और सचिव डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि 20 अप्रैल की सुबह 6 बजे मंदिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकलेगी। यह कांके ब्लॉक चौक होकर वापस मंदिर के सामने से गुजरते हुए आरवीसी-होचर जुमार पुल के नीचे नदी से जल लेकर मंदिर परिसर में आएगी। यहां कलश स्थापित किया जायेगा।

कलश यात्रा में माताएं, बहनें, युवा, बुजुर्ग, बच्चे सभी बड़ी संख्या में भाग लेंगे। वापसी पर मंदिर में वरुण पूजन के बाद पंचांग पूजन का अनुष्ठान हैI यह मंदिर रांची रिंग रोड से लगभग 700 मीटर दक्षिण होचर-कांके ब्लॉक रोड पर बकरी अनुसंधान प्रक्षेत्र के सामने स्थित है I

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समस्त वैदिक अनुष्ठान पशुपतिनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सुनील कुमार पांडेय के नेतृत्व में सात सदस्यीय ऋत्विक मंडली द्वारा संपन्न किए जाएंगे‌। इनमें आचार्य (डॉ) विमलेश द्विवेदी एवं आचार्य अतुल तिवारी (प्रयागराज), आचार्य अभिषेक पांडेय (वाराणसी), पंडित सुशील पांडेय (आरा), आशीष त्रिपाठी शास्त्री (मोतिहारी) तथा पंडित मृत्युंजय तिवारी (रांची) शामिल हैं। लगभग 1000 वर्ग फीट में अस्थायी यज्ञशाला का भी निर्माण किया गया है।

प्रतिदिन सुबह 6 से 9 बजे और अपराह्न 4.30 से 6.30 बजे तक धार्मिक अनुष्ठान होंगे। शाम 6.30 से 8.30 तक प्रतिदिन भजन कीर्तन का आयोजन है। 23 अप्रैल की सुबह 8 बजे से 24 अप्रैल की सुबह तक 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन होगा।

आखिरी दिन 24 अप्रैल को देव विग्रहों में प्राण प्रतिष्ठा, कन्या पूजन, प्रसाद भंडारा और प्रसिद्ध गायिका श्रुति देशमुख एवं मंडली द्वारा भजन कार्यक्रम का आयोजन है। इस दिन मंदिर जीर्णोद्धार के विभिन्न चरणों में योगदान देने वाले शिल्पकारों एवं मजदूरों का सम्मान भी किया जाएगा। यह जानकारी कार्यक्रम संयोजक पंकज वत्सल ने दी।

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