नई दिल्ली। बड़ी खबर आई है, जारी लोकसभा चुनाव 2024 के बीच देश की शीर्ष अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी से पूर्ण पुन:सत्यापन कराने संबंधी याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया और याचिकाएं खारिज कर दीं। कोर्ट ने कहा कि ईवीएम के माध्यम से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी से पुन: पूर्ण सत्यापन कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सहमति वाले दो फैसले हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ सद्भावना बनाना है और मतदान प्रक्रिया पर आंख मूंदकर अविश्वास करना अनुचित संदेह को जन्म दे सकता है।
ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से मतदान की वापसी की याचिका की प्रार्थना भी खारिज करने का काम किया।
जानें क्या है वीवीपीएटी
वीवीपीएटी की बात करें, तो ये एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है। इसके जरिए वोट देने वाला यह जान सकता है कि उनका वोट उसी व्यक्ति को गया है या नहीं, जिसे उसके द्वारा वोट दिया गया है।
जानें कैसे करता है काम
वोटिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इस प्रणाली को यूज में लाया गया। ये मशीन ईवीएम से कनेक्ट नजर आती है। जैसे ही मतदाता वोट डालता है, वैसे ही एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची की बात करें, तो इसमें उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह होता है, जिसे उसने अपना कीमती वोट दिया है।