केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों व एफपीओ के लिए लॉन्‍च किए दो ऐप

कृषि देश नई दिल्ली
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  • भारत को डिजिटल कृषि अर्थव्यवस्था वाला विकसित देश बनाने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने दो महत्वपूर्ण ऐप लॉन्‍च किए। ये एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) और किसानों के अनुकूल हैं। पहला ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) मोबाइल ऐप है। इसे ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कामर्स) के साथ एकीकृत किया गया है। दूसरा एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप है।

ओएनडीसी के साथ ई-नाम मोबाइल ऐप के एकीकरण से ई-नाम पर पंजीकृत एफपीओ/किसान कृषि/प्रसंस्कृत उपज ओएनडीसी नेटवर्क वाले खरीदारों के माध्यम से बेच सकते हैं। इससे एफपीओ/किसानों को ओएनडीसी नेटवर्क के माध्यम से अधिक खरीदारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। ई-नाम अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग (ई-ट्रेडिंग) पोर्टल है, जो कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए एक आभासी मंच के माध्यम से मौजूदा भौतिक एपीएमसी को नेटवर्क बनाना चाहता है।

ई-नाम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 14 अप्रैल, 2016 को हुई थी। वर्तमान में 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 1389 विनियमित थोक बाजारों में ई-नाम लागू किया गया है। किसानों की उपज की प्रतिस्पर्धी बोली के कारण ई-नाम पर किसानों की आय बढ़ रही है। विक्रेताओं को समय पर ऑनलाइन भुगतान भी प्राप्त होता है। ई-नाम की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से यह पूरी तरह पारदर्शी है।

वर्ष, 2016 में शुरू हुए ई-नाम पोर्टल पर अभी तक 1.77 करोड़ से ज्यादा किसान और 2.55 लाख से ज्यादा व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। 3,600 से ज्यादा एफपीओ भी ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-नाम के लिए 1.71 लाख से अधिक एकीकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं। फरवरी, 2024 तक इस प्लेटफॉर्म पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार दर्ज किया जा चुका है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप 10 हजार एफपीओ के गठन व संवर्धन की योजना के कुशल कार्यान्वयन की सुविधा के लिए, प्रभावी निगरानी व रिकॉर्ड रखने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस ऐप की प्रमुख विशेषताओं में से एक, निरीक्षण की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जियो निर्देशांक के साथ एफपीओ का निरीक्षण करने वाले व्यक्ति की छवि कैप्चरिंग है। इस ऐप में, सीबीबीओ, एफपीओ से संबंधित संपूर्ण निगरानी व निरीक्षण गतिविधियां की जा सकती हैं। इससे यह सुधार व संवर्धन में मददगार है।

इन दोनों सुविधाओं से निश्चित रूप से एफपीओ, किसानों, विक्रेताओं, खरीदारों को बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम में एक सक्रिय भागीदार बनने के लिए खुद को विकसित करने और भारत को निकट भविष्य में डिजिटल कृषि अर्थव्यवस्था वाला विकसित देश बनाने में मदद मिलेगी।

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