- विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया भेदभाव करने का आरोप
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में कार्यरत संविदा कर्मियों का मामला मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंच गया है। उनके आवेदन पर सचिवालय के अपर सचिव ने कृषि सचिव से जवाब मांगा है। उधर, कर्मियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के अपर सचिव राम मूर्ति सिंह ने प्राप्त आवेदन पत्र पर समुचित कार्रवाई के लिए कृषि सचिव को भेजा है। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री को जन शिकायत कोषांग में उपलब्ध कराये गये विषयाधीन अभ्यावेदन / परिवाद के सबंध में निर्देश के अनुसार समुचित कार्रवाई करने की कृपा की जाय। मुख्यमंत्री की जानकारी के लिए कृत कार्रवाई से एक पक्ष के अंदर जन शिकायत कोषांग को अवगत कराने की कृपा की जाय।
कर्मियों ने बीते 6 मार्च को बीएयू कुलपति और निदेशक प्रशासन को भी आवेदन दिया था। कर्मियों ने इसमें कहा है कि झारखंड उच्च न्यायलय द्वारा 28 याचिकाकर्ता को नियमितिकरण करने का आदेश दिया था। इसमें एक मात्र शुभांकर कुमार का नियमितिकरण किया गया। जिस पत्र के आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमितिकरण किया गया, उसे प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं निदेशक प्रशासन ने 23 नवंबर, 2005 को रद्द कर दिया था। इसके बाद भी उसका नियमितिकरण विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया।
कर्मियों ने कहा कि विवि मुख्यालय द्वारा विभिन्न पत्र सभी कृषि विज्ञान केन्द्र को भेजा गया है। इसे आधार मानकर कमेटी द्वारा निर्णय लेने पर सभी याचिकाकर्ता का नियमितिकरण हो जाता जाता। पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा रद्द कर दिया गया है, उसे आधार मानकर और मापदंड में उसमें सिर्फ शुभांकर कुमार कैसे फीट बैठते हैं।
कर्मियों ने कहा कि इससे साफ है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 27 याचिककर्ता के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने इस पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
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