किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाना सबसे बड़ी चुनौती : विधानसभा अध्यक्ष

कृषि झारखंड
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  • बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एग्रोटेक किसान मेला में महिला कृषक गोष्‍ठी आयोजित

रांची। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि वैज्ञानिक किसानों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक पृष्ठभूमि और परिस्थितियों व उनके भौगोलिक वातावरण के अनुरूप ही कृषि प्रौद्योगिकी की अनुशंसा करें, ताकि अनुशंसा को अपनाना उनके लिए सुगम हो। उसके सही परिणाम मिल सकें। वे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित एग्रोटेक किसान मेला में रविवार को किसान और वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे।

महतो ने कहा कि किसानों का अधिकांश उत्पाद बिचौलिए और जमाखोर कम मूल्य पर एक साथ खरीद कर भंडारित कर लेते हैं। थोड़ा समय बाद ज्यादा मूल्य पर बेचते हैं। इससे किसानों को कम और बिचौलियों को ज्यादा लाभ होता है। किसानों को उनके कृषि और पशु उत्पादों का सही मूल्य दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है। उन्हें समुचित मूल्य मिलने लगे तो उनकी आधी समस्या का समाधान हो जाएगा।

विधानसभा अध्‍यक्ष ने कहा कि‍ झारखंड की मुश्किल से 40% भूमि में ही खेती हो पाती है। शेष 60% में भी उस मिट्टी और भू-आकृति के अनुरूप फसल लेने की कार्य योजना बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जाड़ा, गर्मी, बरसात सभी मौसम में किसान सूर्योदय से पहले ही खेत में पहुंच जाते हैं। देश भूखे नहीं रहे, इसके लिए दिनभर कड़ी मेहनत करते हैं। इसलिए उनके पेशे को पूरा सम्मान देना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने मेला में आयोजित पशु-पक्षी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। इसमें आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों के 165 पशुपालकों ने अपनी गाय, भैंस, पाड़ा, पाड़ी, बैल, मुर्गी, बकरी, सूअर, खरगोश, बत्तख आदि प्रदर्शित की है।

मेला में आज महिला कृषक गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसे संबोधित करते हुए राज्यसभा की सदस्य डॉ महुआ माजी ने कहा कि‍ झारखंड में प्राकृतिक समृद्धि बहुत अधिक है, फिर भी यहां के अधिकांश लोग गरीब हैं। झारखंड से मजदूरों का पलायन रोकने और मानव तस्करी रोकने के लिए हेमंत सरकार ने बहुत सी कल्याणकारी योजनाएं शुरू की, जिसके सकारात्मक परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं।

पूर्व महापौर और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य में रोपाई, निराई, गुड़ाई, कटनी, दौनी आदि लगभग 80% कृषि कार्य महिलाएं ही संपादित करती हैं। इसलिए उन्हें नवोन्मेषी तकनीक अपनाकर अपने श्रम, समय और लागत की बचत करनी चाहिए। उन्होंने मड़ुआ, गुंदली, कोदो जैसे श्रीअन्न की खेती बढ़ाने और फल-सब्जी के प्रसंस्कृत उत्पाद तैयार करने पर जोर दिया।

स्वागत करते हुए कुलपति डॉ सुनील चंद्र दुबे ने कहा कि मेला का थीम कृषि नवाचारों द्वारा पोषण, आय एवं रोजगार संवर्धन रखा गया है। झारखंड में कुपोषण एवं अल्प पोषण एक प्रमुख मुद्दा है। इसके लिए ज्यादा पोषक अनाज एवं फल सब्जी के उत्पादन एवं उपभोग पर बल दिया जा रहा है।

महिला कृषक गोष्ठी में डॉ मणिगोपा चक्रवर्ती, डॉ रेखा सिन्हा, डॉ स्वाति सहाय एवं डॉ आरती वीणा एक्का ने आधुनिक कृषि एवं पशुपालन तकनीकों और पोषण के लिए आहार प्लानिंग पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ नन्दनी कुमारी एवं शशि सिंह ने किया। मेला के मुख्य समन्वयक प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ जगरनाथ उरांव हैं।

मेला में एमलेन बागे (लोहरदगा) जोहनी टुडू (चतरा), संगीता तिग्गा (रांची), प्रसेनजीत गोराई (पूर्वी सिंहभूम), दिलीप कुमार शर्मा (खूंटी), दिनेश सिंह (गोड्डा) कुलदीप उरांव (गुमला) और अमरेंद्र कुमार को उन्नत कृषि के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

प्रसंस्करण संबंधी स्टॉल पर मड़ुवा, ज्वार, बाजरा, तीसी के विभिन्न प्रकार के बिस्किट, लड्डू, केक, कई तरह के अचार, स्क्वैश, आटा, मिलेट्स आधारित बेबी फूड उपलब्ध हैं। मछली और चिकन के अचार की भी बिक्री हो रही है। फसल सुधार संबंधी स्टॉल पर चावल की विशिष्ट किस्म बिरसा ब्राउन राइस, काला रानी  (सुगंधित), बिरसा विकास सुगंधा, काला जीरा, काला नमक आदि उपलब्ध हैं। औषधीय पौधा गिलोय के कलम भी ले सकते हैं।

जुताई, बोआई, रोपाई, निकौनी, दवा छिड़काव, कटाई, दौनी आदि कृषि कार्यों के लिए हस्त चालित, पशु चालित, ट्रैक्टर चालित, मोटर चालित, स्वचालित लगभग 70 प्रकार के कृषि यंत्र प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें से 10 बिक्री के लिए उपलब्ध है। वन विज्ञान के स्टॉल पर बांस और काष्ठ निर्मित अनेकों प्रकार की कलाकृतियां बिक्री की जा रही हैं।

पशु पालन, पोषण एवं रोग प्रबंधन से संबंधित तकनीकी सलाह निशुल्क उपलब्ध है। कृषि व्यवसाय किस क्षेत्र में और कैसे प्रारंभ किया जा सकता है। इससे संबंधित तकनीकी जानकारी व्यवसाय नियोजन एवं कृषि व्यवसाय स्टॉल पर उपलब्ध है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के 24 स्टॉल पर कई तरह के कृषि उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

बागवानी प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों से आए सैंकड़ो किसानों ने सैंकड़ो प्रकार के फल, सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे, सजावटी पौधे, फूल तथा बागवानी फसलों के प्रसंस्कृत उत्पाद प्रदर्शित किया है।

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