आशीष कुमार वर्मा
चक्रधरपुर। क्षेत्र के बहुचर्चित मूर्तिकार सुधीर पाल ने चाईबासा में आयोजित होने वाले साईं महोत्सव के लिए कई प्रतिमाओं का निर्माण किया है। इन प्रतिमाओं में से एक रामलला की प्रतिमा है। यह महोत्सव में आकर्षण का केंद्र रहने वाली है।
रामलला की प्रतिमा का निर्माण फाइबर द्वारा किया गया। इस प्रतिमा को अयोध्या में स्थापित भगवान रामलला की प्रतिमा की तर्ज पर तैयार किया गया है। शिल्पकार सुधीर पाल ने बताया कि फाइबर से रामलाल की प्रतिमा बनाने में काफी समय लगा है। इसे बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल है।
मूर्तिकार ने बताया कि फाइबर के द्वारा निर्मित होने वाली प्रतिमाओं को बनाने के लिए मिट्टी से प्रतिमा का मॉडल तैयार किया जाता है। इसके लिए भी गंगा मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इसके बाद बनाए गए मॉडल में प्लास्टर ऑफ पेरिस से पूरी प्रतिमा को ढंक कर एक सांचा तैयार होता है।
फिर फाइबर के प्लेट को स्पेसिल लुब्रिकेंट द्वारा सांचे में डालकर प्रतिमा तैयार की जाती है। इसके बाद भी प्रतिमा पूरी तरह तैयार नही होती है। पूरी प्रतिमा को पोलिस और रंग कर प्रतिमा तैयार होती है। उन्होंने कहा कि भगवान रामलला के आशीर्वाद के कारण की उनका यह विग्रह तैयार हो पाया है।
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