बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान के सम्‍मेलन में कई विषयों पर चर्चा

झारखंड
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रांची। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (मेसरा) में 30 मार्च, 2024 को गूगल मीट के माध्‍यम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ‘इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन रिसेंट ट्रेंड्स इन इंजीनियरिंग एंड साइंसेस – 2024’ का दूसरा दिन आयोजित किया गया। सत्र की शुरुआत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के बलबीर के ‘शहरी वातावरण में भूजल पुनःपूर्ति का विश्लेषण और योग्यता’ विषय पर प्रस्तुति के साथ हुई।

इसके बाद यूटीडी भिलाई के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रतीक कुमार गोयल ने ‘फ्लाई ऐश आधारित जियोपॉलिमर कंक्रीट में प्राकृतिक रूप से अपक्षयित बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) स्लैग के साथ मोटे समुच्चय प्रतिस्थापन का अनुकूलन’ पर अपनी प्रस्तुति दी। सत्र की अध्यक्षता संस्थान के वास्तुकला और योजना विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रितु अग्रवाल ने की। 

इसके बाद संस्थान के फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी विभाग की श्रेया शर्मा ने ‘नियंत्रित दवा वितरण और बढ़ी हुई पारगम्यता के लिए बायोमटेरियल के रूप में नीम गम-आधारित एम्फीफिलिक ग्राफ्ट कॉपोलीमर का संश्लेषण और लक्षण’ विषय पर प्रस्तुति दी। इस सत्र की अध्यक्षता संस्थान के बायोइंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. रमेश चंद्रा ने की।

इसके बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धारवाड़ के गणित के सहायक प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण महतो, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान के फार्मेसी विभाग की डॉ. लाडली किशोर, भौतिकी विभाग के डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. नरेंद्र यादव, जीईएचयू, देहरादून के गणित विभाग की शिल्पा यादव और जीईएचयू, देहरादून के गणित विभाग की विदिशा शर्मा ने क्रमशः ‘सोलर वेस्ट बिन का मार्कोव-आधारित विश्वसनीयता विश्लेषण’ और ‘फजी-एएचपी का उपयोग करके वस्त्र उद्योग से अपशिष्ट को कम करने पर ग्राहक पहल की रैंकिंग’ के बारे में बात की।

इसके बाद संस्थान के ‘स्पेस इंजीनियरिंग और रॉकेटरी विभाग’ की सिरीशा अकेला ने गैप-आधारित समग्र ठोस प्रणोदकों के प्रदर्शन पर प्रस्तुति दी। इस सत्र की अध्यक्षता संस्थान के उत्पादन और औद्योगिक इंजीनियरिंग की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. विनय शर्मा ने की।

बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर परिसर के कंप्यूटर साइंस एवम इंजीनियरिंग की तनिष्क रावत ने ‘कॉम्पैक्ट डीप लर्निंग मॉडल फॉर रोबस्ट फेशियल एक्सप्रेशन रिकॉग्निशन’ पर अपनी प्रस्तुति दी।

इसके बाद इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के रत्नेश कुमार दीक्षित ने ‘ई-गवर्नेंस के लिए क्लाउड सर्वर में डेटा ब्लॉक के कुशल अपडेट के लिए एक हैशिंग तकनीक’ पर अपनी प्रस्तुति दी। इन दोनों सत्रों की अध्यक्षता संस्थान के कंप्यूटर साइंस एवम इंजीनियरिंग की डॉ. आकृति निगम ने की।

कार्यक्रम का समापन समारोह आरटीईएस-2024 की संयोजक डॉ. ऋचा पांडे के संबोधन के साथ शुरू हुआ। इसके बाद राजभाषा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. पीयूष तिवारी ने अवकाशकालीन संबोधन दिया।

सिविल एवं पर्यावरण इंजीनियरिंग और वास्तुकला डिवीजन में श्री मुकेश अकुला, सुश्री दिब्यारूपा पाल, ईसीई एवं ईईई डिवीजन में डॉ. ऋचा मिश्रा, फार्मेसी एवं बायो इंजीनियरिंग में श्रेया अग्रवाल एवं मयूर महिन्द्रा केदारे, भौतिकी, रसायन एवं गणित डिवीजन में सुश्री शिल्पा यादव, डॉ. रवींद्र कुमार एवं सुश्री मंगोली ब्रह्मा, मैकेनिकल, प्रोडक्शन एवं स्पेस इंजीनियरिंग रॉकेट्री डिवीजन में भूरा सिंह, सीएसई, आईटी एवं डाटा साइंस डिवीजन में के. सत्यसीलन, रईस अहमद एवं प्रणव पाटनी और प्रबंधन, होटल मैनेजमेंट डिवीजन में रश्मि कुमारी को सर्वश्रेष्ठ पेपर का पुरस्कार मिला।

कार्यक्रम का समापन राजभाषा प्रकोष्ठ के उप हिंदी अधिकारी डॉ. अमित कुमार तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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