पटना। इस समय बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से आ रही है, बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में ईओयू ने अपनी जांच अब तेज कर दी है। इओयू की जांच में खुलासा हो चुका है कि BPSC Tre 3 का प्रश्न-पत्र परीक्षा से एक दिन पहले ही लीक हो गया था।
झारखंड के हजारीबाग में अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाया गया था। पुलिस छापेमारी में 300 से अधिक अभ्यर्थी पकड़ाए। वहीं परीक्षा माफियाओं को जो प्रश्न-पत्र मिले थे, उसमें हूबहू सही प्रश्न मिला। गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। वहीं झारखंड के हजारीबाग में हिरासत में लेकर पटना भेजे गये अभ्यर्थियों को शनिवार की देर रात को जेल भेज दिया गया है।
झारखंड में धराये बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले से जुड़े जिन 313 अभ्यर्थियों व सॉल्वरों को पटना लाया गया था, उन्हें शनिवार की रात को ही कोर्ट में पेश किया गया। इनमें 250 से अधिक को जेल भेज दिया गया है। बड़ी तादाद में महिला अभ्यर्थी भी जेल भेजी गयी हैं।
ईओयू ने अब साफ कर दिया है कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो चुका था। 14 मार्च को ही गिरोह को प्रश्न-पत्र पेन ड्राइव में मिल चुका था। इस प्रश्न-पत्र के कई प्रिंट निकाले गए थे और अभ्यर्थियों को अलग-अलग ग्रुप में उपलब्ध कराकर उत्तर रटवाए जा रहे थे। 10-10 लाख रुपए सभी अभ्यर्थियों से लेने की बात सामने आयी है।
ईओयू ने एक एसआइटी का गठन इस मामले के लिए किया था। पटना के करबिगहिया से एक पेपर लीक कराने वाले गिरोह के एक सदस्य को जब पकड़ा गया, तो उसने हजारीबाग में 250 अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाने की जानकारी दी थी। जिसके बाद कार्रवाई की गयी थी।
वहीं अब ईओयू इस पेपर लीक कांड के मुख्य सूत्रधार तक पहुंचने की कोशिश करेगी। यानी सबसे पहले यह पेपर किसने लीक किया और दूसरों को मुहैया कराया, इसका खुलासा अभी बाकी है।
बीपीएससी के नए अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने रविवार को एक बैठक बुलाई। आयोग के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि अबतक जो तथ्य सामने आए हैं, उसपर विचार करने के बाद परीक्षा रद्द करने को लेकर फैसला लिया जाना है।
शनिवार की रात को ईओयू ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें लीक प्रश्न पत्र का मिलान कराने पर पूछे गए प्रश्न पत्र के ही होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है, उसपर विचार होना है।