टाटा स्टील ने ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए एसईआर के साथ किया सहयोग

बिज़नेस झारखंड
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  • टाटा एग्रेटो और टाटा निर्माण एसईआर को सस्टेनेबल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में सहायता करेंगे

जमशेदपुर। टाटा स्टील अपने स्लैग-आधारित एग्रीगेट्स का उपयोग करके सस्टेनेबल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए एसईआर डिवीजन के साथ सहयोग कर रही है। अपनी तरह की एक अनूठी पहल में रेलवे ट्रैक में ब्लैंकेटिंग परत के निर्माण में टाटा एग्रेटो और टाटा निर्माण का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा।  टाटा स्टील और एसईआर संयुक्त रूप से स्लैग-आधारित निर्मित एग्रीगेट्स के उपयोग को बढ़ाने के लिए काम करेंगे जो प्राकृतिक एग्रीगेट्स की जगह लेंगे।

एसईआर के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एसईआर डिवीजन के एक प्रतिनिधिमंडल ने टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परियोजना निष्पादन पर विचार-विमर्श किया। जीएम, एसईआर ने इस बात पर जोर दिया कि सस्टेनेबल विकल्पों का उपयोग समय की मांग है। इससे पारिस्थितिकी को संरक्षित करने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) राजीव श्रीवास्तव ने रेल मंत्रालय द्वारा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बनाई गई महत्वाकांक्षी योजना की सराहना की। उन्होंने निर्माण उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्टेनेबल निर्माण सामग्री के विकास में टाटा स्टील की भूमिका की भी सराहना की।

स्टील स्लैग को सस्टेनेबल एग्रीगेट्स में बदलने के प्रयास में टाटा स्टील ने स्टीम एजिंग के माध्यम से एलडी स्लैग के प्रसंस्करण के लिए एक अत्याधुनिक एक्सेलरेटेड वेेेदरिंग सुविधा स्थापित की है। उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

टाटा स्टील ने भारत का पहला ब्रांडेड एलडी स्लैग उत्पाद – टाटा एग्रेटो और टाटा निर्माण लॉन्च किया था। टाटा स्टील की इन पहलों को गेस्ट टीम ने खूब सराहा।  स्लैग आधारित निर्मित एग्रीगेट्स  का उपयोग प्राकृतिक एग्रीगेट्स के खनन की आवश्यकता को कम करके जैव विविधता के संरक्षण में मदद करता है। बड़ी दूरी पर एग्रीगेट्स के परिवहन की आवश्यकता को समाप्त करता है।

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