प्रधानमंत्री कल एमसीएल की कई परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली देश
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  • चार परियोजनाएं पर्यावरण के अनुकूल और कोयले की तेज ढुलाई पर केन्द्रित

नई दिल्‍ली। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने और दक्षता बढ़ाकर लॉजिस्टिक्स लागत कम करने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के सिद्धांतों के अनुरूप कोयला मंत्रालय ने कोयले की कुशल निकासी को और बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में वृद्धि की है। कोयला उत्पादक क्षेत्रों में रेलवे नेटवर्क को बढ़ाने के उद्देश्य से कोल इंडिया, इरकॉन और ओडिशा सरकार ने ‘महानदी कोल रेल लिमिटेड’ के रूप में संयुक्त उद्यम गठित किया है। सीआईएल ने अतिरिक्त रेल लाइनें बिछाने, मौजूदा रेल लाइनों के दोहरीकरण, रेल-ओवर-रेल (आरओआर), वाई-कर्व्स आदि के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है।

सभी सहायक कंपनियों में सीआईएल ने फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाओं के निर्माण के माध्यम से पिट-हेड से रेलवे लोडिंग पॉइंट तक मशीनीकृत कोयला परिवहन बुनियादी ढांचा स्थापित करने की योजना बनाई है। सभी बड़ी खदानों के लिए कुल 100 से अधिक एफएमसी परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। ये परियोजनाएं एक ओर लोडिंग दक्षता में सुधार करती हैं। लोडिंग समय को कम करती हैं। दूसरी ओर उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करने में योगदान देती हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 फरवरी, 2024 को ओडिशा में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें से एक भुवनेश्वरी चरण-I, तालचेर कोलफील्ड्स, अंगुल जिले में एक फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजना है। 335 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परियोजना रेक लोडिंग का समय लगभग 50 मिनट तक कम कर देगी। पर्यावरण-अनुकूल ढुलाई शुरू कर देगी। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। कोयले की ढुलाई लागत कम हो जाएगी।

एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना लगभग 375 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लाजकुरा रैपिड लोडिंग सिस्टम (आरएलएस) है। इस प्रणाली को कोयले की गुणवत्ता और आपूर्ति बढ़ाने, लगभग 50 मिनट का लोडिंग समय प्राप्त करने, पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को अपनाने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और कोयले की समग्र ढुलाई लागत को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये प्रयास न केवल पर्यावरणीय प्रभाव को काफी हद तक कम करते हैं बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के मूल्यवान अवसर भी पैदा करते हैं।

इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित आईबी वैली वॉशरी का भी उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना गुणवत्ता के लिए कोयला प्रसंस्करण में एक बुनियादी परिवर्तन, नवाचार और स्थिरता को दर्शाने, कोयला गुणवत्ता मानकों के लिए मानक बढ़ाने का प्रतीक होगी। स्वच्छ और अधिक कुशल ऊर्जा समाधानों के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप होगी।

प्रधानमंत्री एमसीएल द्वारा 878 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित झारसुगुड़ा-बारपाली-सारडेगा रेल लाइन चरण -1 का 50 किलोमीटर लंबा दूसरा ट्रैक राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह विस्तार रेल बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने, निर्बाध परिवहन की सुविधा प्रदान करने और कुशल कोयला आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए तैयार है।

लगभग 2145 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश के साथ ये प्रयास निरंतर और कुशल ऊर्जा आपूर्ति के लिए कोयला बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। इन परियोजनाओं से ओडिशा में कोयला उद्योग को महत्वपूर्ण लाभ होने और देश की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान मिलने की उम्मीद है।

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