- अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन की धमकी दी
रांची (Jharkhand)। झारखंड में प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति लंबे अरसे से निष्पादन की बाट जोह रही है। इसके कारण पूरे राज्य में प्रधानाध्यापकों के लगभग सभी पद खाली पड़े हैं। शिक्षकों के वेतनादि निकासी के लिए जिलों में निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों की किल्लत है।
मध्य विद्यालयों में विषय आधारित शिक्षकों की कमी का खामियाजा बच्चों को झेलना पड़ रहा है। बावजूद इसके जिलों में शिक्षकों की प्रोन्नति कार्य के प्रति घोर अरुचि और बेरुखी का रवैया है। कई जिलों में वरीयता सूची तैयार कर लेने के बाद आगे की कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब तक विभाग स्तर से कई बार जिलों को प्रोन्नति कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया जा चुका है।
इसके कारण प्रोन्नति के संदर्भ में न्यायालयों में याचिकाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जो शिक्षक न्यायालय से प्रोन्नति का आदेश ला पाते हैं, जिलों में सिर्फ उन्हें ही प्रोन्नति देने की कार्रवाई कर अन्य को इससे मरहूम रखा जाता है। ऐसी कार्रवाई करते समय वरीय शिक्षकों को छोड़कर कनीय शिक्षकों को प्रोन्नति दे दी जाती है, जिससे शेष शिक्षक पुनः न्यायालय की ओर बढ़ जाते है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की प्रोन्नति को नासूर बना दिए जाने को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप कुमार केसरी, महासचिव राम मूर्ति ठाकुर, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद, संतोष कुमार सिंह, असादुल्लाह, हरे कृष्ण चौधरी आदि पदधारकों ने प्रोन्नति लिए आंदोलन की ओर बढ़ने की बात कही है।
संघ के पदधारियों ने कहा है कि शिक्षा सचिव और निदेशक को प्रोन्नति की व्यथा से अवगत करा दिया गया है। यदि 15 दिनों तक जिलों में प्रोन्नति कार्य के निष्पादन की कार्रवाई नहीं की जाती है तो राज्य भर के शिक्षक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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