रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गुरुवार को पूर्व सीएम को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है। ईडी की विशेष अदालत ने हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि उन्हें जेल में ही रहना होगा। बजट सत्र के दौरान उन्हें बाहर आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
बताते चलें कि, बजट सत्र में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हेमंत सोरेन ने कोर्ट से बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी गई थी। इस फैसले पर बीते बुधवार को कोर्ट में दोनों ही पक्षों के द्वारा बहस की गयी। हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपनी दलील रखी, तो वहीं ईडी की तरफ से दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वकील जुड़े थे।
हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी ज्यूडिशियल कस्टडी में रहे इंसान को सत्र में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी जा रही है। महाधिवक्ता ने कोर्ट में बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो और जेएमएम विधायक नलिन सोरेन का हवाला दिया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वित्तीय बिल पेश होना है, इसलिए हेमंत सोरेन का उपस्थित होना अनिवार्य है।
ईडी की ओर से बहस करते हुए ऑनलाइन जुड़े वकील ने कहा कि क्या कोई इंसान अगर ज्यूडिशियल कस्टडी में होगा और वह ड्यूटी जाने की अनुमति कोर्ट से मांगेगा, तो क्या कोर्ट अनुमति देगा, अगर नहीं तो इन्हें भी जाने का हक नहीं बनता और ये कोई फंडामेंटल राइट नहीं है।
जांच एजेंसी ईडी ने मुख्यमंत्री की अर्जी का कोर्ट में विरोध किया था कि, अगर हेमंत सोरेन जेल से बाहर आते हैं, तो सबूतों को नष्ट करने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं, ईडी की बात को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री की मांग को खारिज कर दिया।