ग्रामोद्योग विकास योजना : ग्रामीण कारीगरों को दिए गए मशीनरी और टूलकिट

झारखंड
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  • केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा बोले- वोकल फॉर लोकलऔर मेक इन इंडियासे खादी को मिली वैश्विक पहचान

खूंटी। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार) ने गुरुवार को खूंटी जिले के तोरपा स्थित कृषि विज्ञान केन्‍द्र में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत ग्रामीण कारीगरों को मशीनरी और टूलकिट प्रदान किये। वितरण कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं खूंटी संसदीय क्षेत्र से सांसद अर्जुन मुंडा और केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने झारखंड के 758 प्रशिक्षित कारीगरों को अत्याधुनिक उपकरण और 100 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र वितरित किये गये।

वितरण कार्यक्रम के दौरान ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 60 मधुमक्खी पालकों को 600 मधुमक्खी बॉक्स, 4 ईमली प्रशोधन मशीन, 2 फल एवं सब्जी प्रशोधन मशीन, 10 फुटवियर निर्माण मशीन, 20 वेस्ट वुड क्राफ्ट टूलकिट, 42 विद्युत चालित चाक, सेवा उद्योग के तहत 80 प्लम्बर टूल किट, 2 ई-रिक्‍शा एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत लाभार्थियों को ऋण का चेक वितरण किया गया। साथ ही, गैर-विभागीय प्रशिक्षण केन्‍द्र, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, गुमला से प्रशिक्षित 100 प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये।

वितरण कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। केवीआईसी ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों को सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतरीन कार्य कर रहा है। केवीआईसी से जुड़कर युवा नये-नये उद्योग लगाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने अपनी लोकसभा क्षेत्र के युवाओं से अपील कि‍ वे भी ‘नये भारत की नयी खादी’ से जुड़कर आत्मनिर्भर बने। विकसित भारत के निर्माण में सहयोग दें।

केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि ‘मोदी सरकार की गारंटी’ से पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की पहुंच लोकल से ग्लोबल हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान’ से ग्रामीण भारत के कुशल कारीगरों को जोड़ने के लिए केवीआईसी द्वारा वृहद पैमाने पर कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग के बाद मशीनरी और टूलकिट प्रदान किए जा रहे हैं।

ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है। 

आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने के लिए केवीआईसी भारत में गांव-कस्बों में जाकर विभिन्न ग्रामोद्योगी गतिविधियों जैसे- मधुमक्खी पालन, कुम्भकारी, चर्मकारी, अगरबत्ती उद्योग, वेस्ट वुड एवं टर्न वुड क्राफ्ट आदि अनेक ग्रामीण कुटीर उद्योगों में अत्यंत निर्धन कामगारों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। प्रशिक्षित कामगारों को संबंधित उद्योग से जुड़ी मशीनरी और टूलकिट का वितरण किया जाता है।

इसी क्रम में झारखंड में विगत वर्षों में 2600 मधुमक्‍खी पालकों को 26000 मधुमक्‍खी परिवार एवं मधुमक्‍खी बॉक्‍स का वितरित किये गये। 560 कुम्‍हारों को विद्युत चालित चाक, अगरबत्‍ती निर्माण से जुड़े 90 कामगारों को पैडल ऑपरेटेड अगरबत्‍ती मशीन, 215 चर्मकारों को टूलकिट, पादुका निर्माण से जुड़े 40 चर्मकारों को मशीन एवं टूलकिट, ईमली प्रशोधन से जुड़े 440 कामगारों को 44 मशीन एवं टूलकिट, अपशिष्‍ट काष्‍ट कला से जुड़े कारीगरों को 70 टूल किट एवं सेवा उद्योग से जुड़े 20 कामगारों को 20 इलेक्ट्रिशिन टूल किट का वितरण किया गया है।

कारीगरों से सीधा संवाद करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि विगत पांच वर्षों में झारखंड में पीएमईजीपी के तहत 8363 नई इकाइयां स्‍थापित की गई हैं, जिसके लिए लाभार्थियों को 211.23 करोड़ रुपये की मार्जिन सब्सिडी का भुगतान किया गया है। इन इकाइयों के माध्यम से 66,902 नये रोजगर सृजित हुए। सिर्फ खूंटी जिले में विगत पांच वर्षों में 244 नई इकाईयां स्‍थापित की गई हैं, जिसके लिए उद्यमियों को 4.22 रुपये करोड़ की मार्जिन सब्सिडी का भुगतान किया गया। इससे यहां 1952 नये रोजगार सृजित हुए हैं। 

इस अवसर पर झारखंड की खूंटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, तोरपा विधानसभा के विधायक कोचे मुंडा, पूर्व लोकसभा स्पीकर पद्मभूषण कड़िया मुण्डा, केवीआईसी के पूर्वी क्षेत्र के सदस्य मनोज कुमार सिंह और केवीआईसी के पूर्व विशेषज्ञ सदस्य पद्मश्री अशोक भगत सहित खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और झारखंड सरकार के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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