रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सामाजिक -आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केंद्र द्वारा प्रकाशित ‘जनजातीय सामाजिक –आर्थिकी’ स्मारिका का विमोचन मंगलवार को सादे कार्यक्रम में राजभवन स्थित अपने कक्ष में किया। इस अवसर पर अध्ययन केंद्र के सचिव अयोध्या नाथ मिश्र, सं. सचिव अमरनाथ झा, कोषाध्यक्ष नवीन कुमार, सदस्य रामाकांत महतो, अरुण कुमार मिश्र एवं संपादक एस के चौबे और राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी मौजूद थे।
संस्था के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सचिव अयोध्या नाथ मिश्र ने गुणात्मक प्रकाशनों, केन्द्र-राज्य सरकार को दिए जाने वाले सामाजिक -आर्थिक सुझावों, परामर्शों की एक संक्षिप्त रुपरेखा राज्यपाल के समक्ष रखी। मिश्र ने राज्य की 26.21%आबादी अर्थात जनजातीय समस्याओं की ओर विन्दुवार ध्यानाकृष्ट कराया।
राज्यपाल ने सभी प्रकार की उन योजनाओं के आउटकम को महत्वपूर्ण बताया, जो समेकित विकास के लिए भौतिक स्वरूप ले रही हैं। उन्होंने जनजातीय ग्रामीण विकास प्रकल्पों की महत्ता पर बल दिया। अध्ययन केंद्र द्वारा इस अवसर पर एक समग्र जनजातीय विकास एवं समृद्धि विषयक संवाद के आयोजन का आग्रह किया गया।
स्मारिका में सेवानिवृत्त प्रधान सचिव जेबी तुबिद, साहित्यकार महादेव टोप्पो, डॉ मयंक मुरारी, डॉ दिवाकर मिंज, डॉ अशोक वार्ष्णेय, डॉ एसके किडो, सुधीर पाल, डॉ अनिता सोलंकी, विकास राय देववर्मा, मिलिन्द थट्टे, डॉ सुधाकर द्विवेदी, डॉ एसटी मुर्मू, अयोध्या नाथ मिश्र, कानजी पटेल, सत्याशर्मा कीर्ति प्रभृति के आलेख संग्रहित हैं।
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