किसान कृषि के साथ आय के अन्य वैकल्पिक स्रोत अपनाएं : राज्यपाल

कृषि झारखंड
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  • पूर्वी क्षेत्र कृषि मेला का समापन

खूंटी। राज्यपाल सी०पी० राधाकृष्णन ने कहा कि किसान कृषि के साथ आय के अन्‍य वैकल्पिक स्रोत भी अपनाएं। वे 5 फरवरी, 2024 को भाकृअनुप– राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (नामकुम) द्वारा तोरपा में आयोजित पूर्वी क्षेत्र कृषि मेला-2024 (सतत एवं चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था- आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत) के समापन समारोह में बोल रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर आयोजित यह किसान मेला किसानों के हित में की गई एक उल्लेखनीय पहल है। इस मेला में किसानों को नई कृषि तकनीकों के साथ-साथ आधुनिक कृषि पद्धति और उन्नत ऑर्गेनिक फार्मिंग का प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। विभिन्न स्थलों से आए प्रगतिशील किसानों ने अपना अनुभव भी साझा किया। इससे निश्चित ही उनकी उत्पादकता के साथ-साथ आमदनी भी बढ़ेगी।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के कल्याण के लिए ‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ और ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ शुरू की। उन्होंने 15 नवंबर, 2023 (भगवान बिरसा मुंडा की जन्म तिथि) को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया।

राज्‍यपाल ने कहा कि अर्जुन मुंडा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री का भार ग्रहण करने से पूर्वी क्षेत्र के किसान जागरूक होंगे। इस क्षेत्र के जलवायु के अनुसार कृषि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां के मिट्टी के लिए कौन सा फसल श्रेयस्कर है, इसकी जानकारी किसानों को मिलेगी। इससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। उन्होंने किसानों को कृषि के साथ आय के अन्य वैकल्पिक स्रोतों यथा- बागवानी, सब्जी उत्पादन, फूल उत्पादन, बकरी पालन, गौ पालन इत्यादि अपनाने का भी आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि यह किसान मेला किसानों के लिए वरदान साबित होगा। वे उन्नत कृषि के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने इस अवसर पर किसानों को सम्मानित किया। शुभकामनाएं देते हुए कहा ‘अन्नदाता सुखी भव’।

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