- मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय में ‘जलकृषि में चारा एवं आहार प्रबंधन’ प्रशिक्षण का आयोजन
गुमला। किसानों ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों से मछली चारा बनाने का तारीका सीखा। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित गुमला स्थित मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय में 8 से 10 फरवरी, 2024 तक आयोजित प्रशिक्षण में उन्हें इसकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का विषय ‘जलकृषि में चारा एवं आहार प्रबंधन’ था। यह प्रशिक्षण एन.एफ.डी.बी.-पीएमएमएसवाई के सहयोग से आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में 31 मत्स्य किसानों ने भाग लिया, जिसमें 11 महिला और 20 पुरुष शामिल थे। ये सभी मत्स्य किसान गुमला जिले के सिसई प्रखंड से थे। प्रशिक्षण के दौरान मत्स्य किसानों को जलकृषि में चारा और आहार प्रबंधन से सम्बंधित जानकारी दी गयी।
मत्स्य किसानों को जलकृषि में चारे के महत्व, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग कर फार्म पर चारा निर्माण करने का तरीका, मछलियों को आहार देने की विधि, आहार की मात्रा की गणना एवं विभिन्न प्रकार की आहार पद्धतियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
प्रशिक्षण के समापन में महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ. ए.के. सिंह ने मत्स्य किसानों को मछली के पालन में आहार का उचित प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित किया। सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया गया। प्रशिक्षण सह-अधिष्ठाता डॉ. ए.के. सिंह के मार्गदर्शन और सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रसान्त जना के दिशानिर्देश में कराया गया।
प्रशिक्षण के आयोजन में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों डॉ. श्वेता कुमारी, डॉ. गुलशन कुमार, डॉ. मनमोहन कुमार, डॉ. रोहितास यादव सहित संजय नाथ पाठक एवं श्रीमती रेशमी सिंह का योगदान रहा।
वर्तमान में मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय में मिश्रित मछली पालन, समन्वित मछली पालन, मछली एवं जल स्वास्थ्य प्रबंधन तथा मछली के मूल्यवर्धित उत्पाद विषयों पर मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इक्छुक व्यक्ति डॉ. श्वेता कुमारी (मोबाइल नं. 9594872324) से संपर्क कर सकते हैं।
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