कोलकाता। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (बीएमएस) के प्रस्तावित 23 फरवरी, 2024 को कोल इंडिया मुख्यालय होने वाले धरना को लेकर कोल इंडिया प्रबंधन से संगठन की 19 फरवरी, 2024 को बैठक हुई। इसमें मांगों पर सकारात्मक चर्चा के बाद धरना स्थगित कर दिया गया।
सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री राजीव रंजन सिंह ने बताया कि हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में प्रबंधन की ओर से कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, कोल इंडिया चेयरमैन के तकनीकी सचिव आलोक ललित कुमार, जीएम पीएंडआइआर गौतम बनर्जी, डीपी के तकनीकी सचिव अजीत पोनन्ना, पर्सनल मैनजर रोहित कुमार पांडेय थे। संघ की ओर से टिकेश्वर सिंह राठौर, सुधीर एच घूरडे, दिलीप मुरलीधर सातपुते मौजूद थे।
इन मुद्दों पर बात और निर्णय
।. कंपनी हाजरी घर में ठेका मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजरी की व्यवस्था की जाय।
प्रबंधन : उक्त विषय पर सहमति व्यक्त की जाती है। ठेका मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजरी की व्यवस्था के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।
2. ठेकेदार बदलने पर भी मजदूर को निकाला जाता है। इसपर पूरी तरह रोक लगाते हुए उनको जॉब सुरक्षा प्रदान की जाए।प्रबंधन : विषय की समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
3. भूमिगत एवं ओपन कास्ट में सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था की जाए।
प्रबंधन : सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सीआईएल की कुछ अनुषंगी इकाइयों में है। अन्य इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।
4. नॉन-माइनिंग कार्य में लगाए गए ठेका मजदूर (कॉलोनी मेंटेनेंस, सिक्योरिटी, गेस्ट हाउस, ड्राइवर, हॉस्पिटल, सिविल वर्क, सफाई कामगार इत्यादि) को एचपीसी वेजेस में समाहित किया जाए।
प्रबंधन : एचपीसी वेजेज माइनिंग कार्य में लगे ठेका श्रमिकों के लिए है। अतः उक्त विषय पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
5. ठेका मजदूरों को पीएलआर के तहत दशहरा के पूर्व हर साल कम से कम एक माह का वेतन भुगतान किया जाए।
प्रबंधन : उक्त विषय पर गठित समिति की अनुशंसा के बाद निर्णय लिया जाएगा। समिति से निवेदन किया जाएगा कि अपनी अनुशंसा प्रस्तुत करे।
6. ठेका मजदूरों को कंपनी के खाली आवास आवंटित किए जाएं।
प्रबंधन : इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया है। समिति की बैठक जल्द की जाएगी।
7. ठेका श्रम अधिनियम 1970 के प्रावधानों के उल्लंघन पर ठेका श्रमिकों को नियमित करने का प्रावधान किया जाए। प्रमुख नियोक्ता को अधिक उत्तरदायित्व माना जाए।
प्रबंधन : ठेका श्रमिकों का कंपनी मे नियोजन करना संभव नहीं है। हालांकि ठेका श्रम अधिनियम 1970 के प्रावधानों का पालन किया जाएगा।
8. ठेका श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसकी भर्ती (नियुक्ति) के लिए अधिनियम में संशोधन किया जाए।
प्रबंधन : अधिनियम में संशोधन के संदर्भ में प्रबंधन कोई वक्तव्य देने में असमर्थ है।
9. ठेका श्रमिकों के लिए 8 घंटे काम सुनिश्चित कर ज्यादा कार्य किए घंटे का ओवर टाइम भुगतान किया जाए।
प्रबंधन : विषय की समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
10. सामाजिक सुरक्षा (सीएमपीएफ, पेंशन ग्रेच्युटी, ग्रुप इंश्योरेंस) प्रदान कर ठेका श्रमिक एवं परिजनों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान किया किया जाए।
प्रबंधन : उक्त विषय पर अनुषंगी ईकाइयों से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
11. ठेका श्रम अधिनियम 1970 की धारा 7 एवं 12 का उल्लंघन होने पर ठेका श्रमिकों को नियोक्ता का श्रमिक माना जाए। ऐसी स्थिति में ठेका श्रमिक को नियमित करने का प्रावधान अधिनियम में किया जाए।
प्रबंधन : ठेका श्रमिकों का कंपनी में नियोजन करना संभव नहीं है। हालांकि ठेका श्रम अधिनियम 1970 के प्रावधानों का पालन किया जाएगा।
12. ठेका वर्क आर्डर और ठेका लाइसेंस का पूरी तरह अनुपालन किया जाए।
प्रबंधन : नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
13. कार्यरत ठेका मजदूरों को ठेकेदार और कंपनी के अधिकृत अधिकारियों का हस्ताक्षर युक्त पहचान पत्र दिया जाए।
प्रबंधन : कंपनी के अधिकृत अधिकारियों के हस्ताक्षर युक्त पहचान पत्र प्रदान नहीं किए जा सकते, परंतु अधिनियमानुसार इंप्लाइमेंट कार्ड प्रदान करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।
14. कार्यरत ठेका मजदूरों को वेतन पर्ची दिया जाए।
प्रबंधन : उक्त विष पर सहमति व्यक्त की जाती है। उक्त के अनुपालन के लिए निर्देश जारी किया जाएगा।
15. ठेका मजदूरों को सप्ताह में एक दिन विश्राम दिया जाए। विश्राम के दिन कार्य करने पर 8 घंटे का ओवर टाइम भुगतान किया जाए।
प्रबंधन : उक्त विषय पर अनुषंगी ईकाइयों से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
16. ठेका मजदूरों को आईएमई और वीटीसी प्रशिक्षण के पश्चात ही कार्य पर लगाया जाए। नियमानुसार पीएमई किया जाय।प्रबंधन : उक्त विषय पर अनुषंगी ईकाइयों से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
17. ठेका मजदूरों को सुरक्षा नियमावली के तहत सुरक्षित कार्य प्रणाली को समय-समय अद्यतन करते हुए उसकी जानकारी एवं प्रशिक्षण किया जाए।
प्रबंधन : उक्त विष पर सहमति व्यक्त की जाती है।
18. कंपनी नियमानुसार आकस्मिक, बीमारी एवं आर्थिक अवकाश प्रदान किया जाए।
प्रबंधन : विषय की समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
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