कोर्ट ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को फिर 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा, जानें आगे

झारखंड
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रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को कोर्ट ने सोरेन को 5 दिनों की फिर ईडी रिमांड पर भेज दिया। दरअसल, कथित जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने बुधवार (7 फरवरी) को भारी सुरक्षा के बीच पीएमएलए कोर्ट में पेश किया।

ईडी के विशेष जज दिनेश राय ने हेमंत सोरेन को फिर पांच दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। ईडी ने कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन विशेष जज ने सिर्फ 5 दिन की हिरासत दी।

हेमंत सोरेन के वकील ने पीएमएलए कोर्ट में दलील दी कि 5 दिन की रिमांड में 120 घंटे पूछताछ की गई। 20 जनवरी और 31 जनवरी को भी ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन से पूछताछ की। दो दिन में करीब 16 घंटे तक उनके मुवक्किल से पूछताछ चली। ऐसे में अब और पूछताछ का कोई आधार नहीं बनता है।

हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि ईडी ऑफिस में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को बेसमेंट में रखा गया है। वहां सूर्य की रोशनी भी नहीं मिलती है। ऐसे में उन्हें यहां रहने में बहुत परेशानी हो रही है। जिस आधार पर पूछताछ के लिए समय मांगा गया है, वह कथित जमीन घोटाला से संबंधित नहीं है।

इससे पहले कड़ी सुरक्षा में हेमंत सोरेन को लेकर ईडी के अधिकारी पीएमएलए कोर्ट पहुंचे। कोर्ट परिसर में पहले से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता और कार्यकर्ता हेमंत सोरेन के आने से पहले ही कोर्ट परिसर में पहुंच गए थे। जैसे ही हेमंत सोरेन वहां पहुंचे, झामुमो नेता और कार्यकर्ता ‘हेमंत सोरेन जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे।

भीड़ को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने सुरक्षा घेरा बनाकर हेमंत सोरेन को कोर्ट रूम तक पहुंचाया। कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। 3 फरवरी को पीएमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 5 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया था।

बताते चलें कि, हेमंत सोरेन को दस्तावेजों में हेरफेर करके रांची के बड़गाईं स्थित जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े कथित लैंड स्कैम केस में ईडी ने 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया।

चंपाई सोरेन सरकार के शक्ति परीक्षण में कोर्ट की अनुमति से हेमंत सोरेन भी विधायक की हैसियत से शामिल हुए। उन्होंने विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों पर उन्हें साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईडी केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया।