मुंबई। मंगलवार को सतर्कता विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। इसने रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 300 से अधिक लोगों से तकरीबन 21 करोड़ रुपये ठगने वाले एक व्यक्ति को पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) से गिरफ्तार किया है।
यह जानकारी अधिकारियों ने दी। बताया कि, एक गुप्त सूचना के बाद, सतर्कता अधिकारियों ने निगरानी रखी और तीन महीने से अधिक समय से जारी फर्जीवाड़े का पता लगाया। पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि, सतर्कता टीम ने एक बाहरी व्यक्ति और रेल में नौकरी चाहने वाले दो ‘प्रॉक्सी उम्मीदवारों’ की मदद से संदिग्ध को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
शेष राशि एकत्र करने के लिए मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर उसे बुलाने के जाल के हिस्से के रूप में, गूगलपे के माध्यम से आरोपी के खाते में आंशिक भुगतान के रूप में 20 हजार रुपया भी डाला गया था। शुक्रवार दोपहर दो बजे जब वह निर्दिष्ट स्थान पर एक काम के एवज में बाकी रकम लेने आया तो पकड़ा गया। डब्ल्यूआर सतर्कता जांच से पता चला है कि आरोपी ने कथित तौर पर प्रति उम्मीदवार 9-10 लाख रुपये एकत्र किए थे। वह कोलकाता स्थित सहयोगी की सहायता से जाली दस्तावेज बनाता था।
ठाकुर ने कहा कि आरोपी के स्मार्टफोन में ब्लॉक किए गए 180 नंबर पाए गए, जो संभवत: पीड़ितों के थे, जिन्होंने रेलवे में नौकरी पाने के लिए उसे भारी रकम दी थी। जांच में ठगे गए पीड़ितों की लगभग 120 चैट का भी पता चला, इसमें वे अपने पैसे वापस मांग रहे थे, जो 5-8 लाख रुपये तक थे, जो उन्हें नौकरियों के लिए भुगतान किए गए थे।
भर्ती किए गए कर्मचारियों के सभी फर्जी दस्तावेज, चैट और वीडियो बरामद कर लिए गए हैं और मामले की जांच की जा रही है। ठाकुर ने कहा, आरोपी को मुंबई सेंट्रल में सरकारी रेलवे पुलिस को सौंप दिया गया और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
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