CM चंपाई के लिए सिर दर्द बना मंत्रिमंडल विस्तार, कांग्रेस में पड़ गई फूट, नाराज 12 विधायकों की दो टूक, पढ़ें

झारखंड
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रांची। शुक्रवार को झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कांग्रेस विधायकों में फूट पड़ गई है। नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि, ये कभी भी दिल्ली कूच कर सकते हैं। बता दें कि, कांग्रेस के सहयोग से झारखंड में चल रही चंपाई सोरेन सरकार के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है। कांग्रेस के दर्जनभर विधायक पुराने चेहरों को ही दोबारा मंत्री बनाए जाने को लेकर नाराज हैं। इरफान अंसारी, अंबा प्रसाद, विक्सल कोंगड़ी, दीपिका पांडे सिंह समेत ज्यादातर विधायक इस गुट का हिस्सा हैं। 

इस विरोधी खेमे ने आलमगीर आलम और अन्य तीन पुराने मंत्रियों (जो हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री थे) की जगह नए चेहरों को मौका देने की मांग की थी। बताया जा रहा है कि विरोधी कांग्रेस विधायक शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का मन बना चुके थे। 

कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने गेस्ट हाउस में विधायकों के साथ बैठक की और उन्हें समारोह में शामिल होने के लिए मनाया।  चंपाई कैबिनेट का शुक्रवार को विस्तार हुआ। राजभवन में हुए शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बसंत सोरेन समेत 8 को शपथ दिलाई गई।

कांग्रेस के कोटे से एक बार फिर आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता को ही मंत्री बनाया गया है। इससे पहले कांग्रेस के विधायकों ने झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर से गुरुवार देर शाम सर्किट हाउस में मुलाकात की और कड़ा विरोध जताया। विधायकों ने दो टूक कह दिया है कि अगर पुराने मंत्रियों को ही रिपीट करना है, तो पार्टी में उनकी प्रासंगिता क्या है।

कांग्रेस विधायकों ने कहा कि यह चर्चा हो रही है कि पिछली सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को ही फिर से चंपाई सरकार में भी मंत्री बनाया जा रहा है। यह सही नहीं है। मंत्रियों के कामकाज और व्यवहार से पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर विधायक तक पीड़ित रहे हैं। आम लोग भी खुश नहीं हैं। इसकी शिकायत प्रदेश नेतृत्व से लेकर राज्य प्रभारी और दिल्ली दरबार तक में की गई।

इससे पहले 8 फरवरी को ही मंत्रिमंडल का विस्तार होना था। सीएम चंपाई सोरेन के आग्रह पर राजभवन में इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई थी। लेकिन कांग्रेस में मंत्रियों के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण संशोधित कार्यक्रम 16 फरवरी का तय किया गया।

इससे पहले हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दो फरवरी को चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री के अलावा कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। सूत्रों की मानें, तो मंत्री पद को लेकर कांग्रेस विधायकों के कड़े रुख के बाद कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने पार्टी आलाकमान तक विधायकों की शिकायतें पहुंचाई।

दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेनुगोपाल के समक्ष सारी बातें रखी गई हैं। वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी सारी जानकारी देंगे।