नई दिल्ली। बड़ी और अच्छी खबर जम्मू और कश्मीर से आई है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (पीएमवीवाई) को लागू करने वाला यह पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जिसका उद्देश्य शिल्पकार समुदाय के कौशल को सशक्त बनाते हुए इसे आगे बढ़ाना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) में सचिव अतुल कुमार तिवारी ने शोपियां के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में ‘दर्जी क्राफ्ट’ में 30 प्रशिक्षुओं (विश्वकर्मा) के पहले बैच के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का वर्चुअल तौर पर उद्घाटन किया।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ”स्वरोजगार के माध्यम से शिल्पकार समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम में आज शोपियां में आईटीआई में दर्जी शिल्प क्षेत्र में 30 प्रशिक्षुओं के पहले बैच के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत की गई।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रतिष्ठित पीएम विश्वकर्मा योजना को लागू करने वाला देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया।” भटनागर ने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर को लेकर गर्व व्यक्त किया।
उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से कौशल विकास के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के जल्द ही जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में लागू होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा कि पीएमवीवाई सितंबर 2023 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को एक नई पहचान देना है।
इस योजना में पांच से सात दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण, 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना में व्यक्ति को प्रतिदिन 500 रुपये दिए जाते हैं और इसमें प्रशिक्षित विश्वकर्माओं के लिए 15,000 रुपये का मुफ्त आधुनिक टूलकिट शामिल है।
उन्होंने कहा कि इन लाभों के अतिरिक्त योजना उनके व्यवसायों को विस्तृत करने के लिए क्रेडिट-आधारित सरल ऋण और विपणन सहायता भी प्रदान करती है।