नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से परेशान जनता को राहत मिलने जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि, अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद अगले महीने यानी फरवरी में पेट्रोल-डीजल के रेट में कटौती का एलान हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम प्रति लीटर 5 से 10 रुपए तक घटाने पर विचार कर रही हैं। कंपनियों को हुए मोटे मुनाफे को देखते हुए लोगों को राहत दी जा सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि तेल कंपनियों को वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में तगड़ा मुनाफा हुआ है और यह दिसंबर 2023 तिमाही में 75,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो सितंबर तिमाही में 57,091.87 करोड़ रुपए था। अधिकारियों के मुताबिक, अभी पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर तेल कंपनियों को 10 रुपए प्रति लीटर का प्रॉफिट हो रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि कंपनियां तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती करने पर विचार करेंगी। हिंदुस्तान पेट्रोलियम के दिसंबर तिमाही नतीजे 27 जनवरी को आएंगे। इसके अलावा इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम इसी दौरान तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करेगी।
जानिए कैसे बढ़ा तेल कंपनियों का मुनाफा
पूरे 2022-23 में 1138
सितंबर तिमाही में 57,092
दिसंबर तिमाही में 75,000*
(राशि करोड़ रुपए में, *अनुमानित)
कंपनियां पर कटौती का दबाव
सरकारी तेल कंपनियों की देश में बिकने वाले कुल पेट्रोल-डीजल की बाजार हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है। इन कंपनियों ने पिछले 18 महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम में लगभग कोई बदलाव नहीं किया है। जबकि इस दौरान ग्लोबल बाजार में तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है।
एक साल में क्रूड ऑयल करीब 15 प्रतिशत सस्ता हुआ है। कंपनियों पर कटौती का दबाव इसलिए भी बढ़ा है कि वे जिस नुकसान की बात कर रही थीं, उसकी भरपाई हो चुकी है और कंपनियां मुनाफे में आ गई हैं।
चुनाव से पहले राहत संभव
विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थिर भू-राजनीतिक परिदृश्य और तेल उत्पादकों देशों के कड़े रुख के बावजूद आने वाले समय में तेल की कीमतों में उछाल की उम्मीद नहीं है। आम चुनाव से पहले तेल कंपनियां दाम घटा सकती हैं।
इसलिए घट सकती हैं कीमतें
15 प्रतिशत सस्ता हुआ है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल के दाम में आई नरमी, रूस से सस्ता तेल खरीद रहीं कंपनियां।
10 रुपए प्रति लीटर मुनाफा कमा रहीं तेल कंपनियां पोट्रोल-डीजल की बिक्री से।
75,000 करोड़ रुपए कर पहुंच सकता है ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का दिसंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट।
सरकार ने डीजल पर विंडफॉल टैक्स घटाया, साथ ही घरेलू एलजीपी सिलेंडर की कीमतों में की कटौती।
इंपोर्ट बिल में 21 फीसदी की गिरावट
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर के दौरान भारत का तेल और गैस इंपोर्ट बिल में सलाना 21 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने से भारत का टोटल बिल 7.47 लाख करोड़ रुपए रह गया। हालांकि इस दौरान 1.5 प्रतिशत अधिक तेल की खरीद हुई है।