रांची। बड़ी खबर आ रही है, शनिवार को ED ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर से समन भेजा है। प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को पत्र भेजकर नई तारीख दी है।
ED ने साथ ही पूछा कि वो समन पर हाजिर क्यों नहीं हो रहे हैं? ED की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि सोरेन 16-20 जनवरी के बीच जांच एजेंसी के ऑफिस में अपना बयान दर्ज कराएं।
इससे पहले भी ED ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब करते हुए उन्हें एक पत्र सह-समन जारी किया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने उस पत्र में हेमंत सोरेन से जांच अधिकारी को तारीख, स्थान आदि के बारे में जानकारी देने को कहा था, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका बयान दर्ज किया जा सके।
ED की ओर से यह 8वीं बार है, जब झारखंड के मुख्यमंत्री को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बयान दर्ज करने के लिए तलब किया गया है। हेमंत सोरेन ने पिछली बार 7वें समन सह-पत्र पर हाजिर होने से परहेज किया था।
जांच एजेंसी ने 7वें समन की डेडलाइन 31 दिसंबर रखी थी। सोरेन अभी तक इस मामले में कभी भी ED के सामने पेश नहीं हुए हैं। सोरेन को ED ने 14 अगस्त को पहला समन भेजा था।
बताते चलें कि, झारखंड के सीएम ने ED के समन को सुप्रीम कोर्ट और फिर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ED की कार्रवाई से राहत मांगी थी। हालांकि, दोनों कोर्ट से सोरेन की याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। हेमंत सोरेन ने हर बार ईडी के समन को अनुचित करार दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि उसकी जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध तरीके से बदलाव से संबंधित है। वहीं अब तक इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ED ने इस मामले में 2011 बैच की IAS छवि रंजन को भी गिरफ्तार कर चुकी है। वह पूर्व में राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक पद पर कार्यरत थे।
पिछली बार ED के भेजे समन पर ऐसी आशंकाएं जताई गईं थी कि ED कभी में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सकती है। ED ने भी कहा था कि यदि सोरेन हाजिर नहीं होते, तो मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछली बार ईडी के समन के चलते पैदा हुई राजनीतिक गहमागहमी के चलते गठबंधन विधायकों की बैठक भी बुला ली थी। इस बैठक में उन्होंने मौजूदा हालात को लेकर विधायकों से फीडबैक लिया था। इस बैठक में विधायकों ने हेमंत सोरेन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था।
साथ ही कहा था कि सभी सहयोगी विधानसभा में सोरेन के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं होने दिया जाएगा। सोरेन मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उनके नेतृत्व में ही लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा।
उस वक्त अटकलें ऐसी भी लगाई जा रही थीं कि गिरफ्तारी की आशंका के चलते हेमंत सोरेन पत्नी को सीएम पद सौंपने की तैयारी में थे, लेकिन उन्होंने इन सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया था।